सड़क के गड्ढे के कारण फिसलता बाइक सवार (फोटो नवभारत)
Sakoli Gudhari-Sarati Road Potholes: भंडारा जिले की साकोली तहसील के गुढरी–सराटी मार्ग की स्थिति दिनों-दिन चिंताजनक होती जा रही है। घने जंगल से गुजरने वाले इस मार्ग पर जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे बन चुके हैं। सड़क पर गड्ढों की इतनी भरमार है कि नागरिकों को रोजाना जान जोखिम में डालकर सफर करना पड़ रहा है। बारिश के मौसम में यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है, क्योंकि गड्ढों में पानी भरने से उनकी गहराई का अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस मार्ग से रोजाना कई गांवों के नागरिक विभिन्न कामों के लिए आवाजाही करते हैं। बच्चे स्कूल और कॉलेज जाने के लिए इसी मार्ग का उपयोग करते हैं, किसान अपने कृषि उत्पाद बाजार तक पहुंचाने के लिए इसी सड़क पर निर्भर हैं और कई बार बीमारों को भी इसी रास्ते से अस्पताल ले जाया जाता है। इस कारण यह मार्ग ग्रामीणों की जीवनरेखा जैसा है, लेकिन इसकी जर्जर स्थिति लोगों की परेशानियों को और बढ़ा रही है।
हाल ही में इस मार्ग पर एक गंभीर हादसा होते-होते टल गया। पूर्व सरपंच पवन शेंडे जब इस रास्ते से अपनी मोटरसाइकिल पर जा रहे थे, तब पानी से भरे एक गहरे गड्ढे में उनकी गाड़ी फिसल गई। हादसे में वे घायल हो गए, हालांकि उन्हें केवल हल्की चोटें आईं। लेकिन इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया कि इस मार्ग पर सफर करना कितना खतरनाक हो चुका है।
स्थानीय लोग बताते हैं कि ऐसे हादसे आए दिन होते रहते हैं। कई बार वाहन पलटने की घटनाएं भी सामने आती हैं। बरसात के मौसम में स्थिति और भयावह हो जाती है।
घने जंगल से गुजरने वाला यह मार्ग वैसे ही सुनसान और जोखिम भरा है, ऊपर से गहरे गड्ढों और पानी की वजह से वाहन चालकों को सही रास्ते का अंदाजा नहीं लग पाता। कई दोपहिया वाहन चालक गड्ढों में फंसकर गिर जाते हैं, वहीं चारपहिया वाहन चालकों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
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ग्रामीणों का कहना है कि यह समस्या नई नहीं है। कई वर्षों से इस सड़क की स्थिति खराब है। उन्होंने बार-बार सार्वजनिक बांधकाम विभाग और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को इसकी जानकारी दी, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। केवल कागजी आश्वासन और अधूरी मरम्मत से नागरिकों की समस्या दूर नहीं हुई।
लोगों का आरोप है कि संबंधित विभाग की लापरवाही के कारण लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी इस मार्ग की हालत में सुधार नहीं हुआ। कई बार केवल ऊपर से गिट्टी और डामर डालकर काम चलाने की कोशिश की जाती है, लेकिन कुछ ही दिनों में सड़क फिर से खराब हो जाती है।
ग्रामीणों का मानना है कि जब तक इस सड़क का संपूर्ण डांबरीकरण और मजबूती से निर्माण नहीं होगा, तब तक यह समस्या बनी रहेगी। ग्रामीणों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही इस मार्ग की मरम्मत नहीं की गई तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे। उनका कहना है कि नागरिकों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करना अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।