मछुआरों तक योजनाएं पहुंचनी चाहिए (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Wardha News: मछुआरों के लिए सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाएं शुरू की गई हैं, लेकिन ये योजनाएं उन तक पूरी तरह नहीं पहुंच रही हैं। इस कारण, जिला की सभी मछुआरा सहकारी संस्थाओं और मछुआरा संगठनों के पदाधिकारियों के लिए अलग से कार्यशाला आयोजित करने के निर्देश पालकमंत्री डॉ। पंकज भोयर ने दिए हैं, ताकि योजनाओं की संपूर्ण जानकारी उन्हें मिल सके। जिलाधिकारी कार्यालय के सभागृह में आयोजित बैठक में पालकमंत्री डॉ। भोयर ने मछुआरा संस्थाओं और संगठनों के प्रतिनिधियों से चर्चा की।
बैठक में जिलाधिकारी वान्मथी सी।, पुलिस अधीक्षक अनुराग जैन, जिला नियोजन अधिकारी अनिरुद्ध राजुरवार, मत्स्य व्यवसाय विभाग के सहायक आयुक्त स्वप्निल वालदे, जिला अग्रणी प्रबंधक चेतन शिरभाते और अन्य विभागों के अधिकारी एवं बैंकों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। केंद्र सरकार की किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत मछुआरों और मत्स्य किसानों को 50 हजार रुपये तक का चालू पूंजी कर्ज उपलब्ध कराया जाता है। लेकिन बैठक में पदाधिकारियों ने यह मुद्दा उठाया कि बैंक अक्सर पूरा कर्ज नहीं देते या फिर बहुत कम राशि मंजूर करते हैं।
इस पर मंत्री डॉ। भोयर ने निर्देश दिए कि इस वर्ष से पात्र सभी केसीसी धारकों को 50 हजार रुपये की पूरी राशि मंजूर की जाए। पिछले वर्ष के लंबित आवेदनों को भी पुनः लिया जाए और तुरंत मंजूरी दी जाए। मछुआरों के लिए मत्स्य व्यवसाय विभाग द्वारा विभिन्न योजनाएं लागू की जा रही हैं। ये योजनाएं उन्हें बताने और लाभ दिलाने के लिए कार्यशाला का आयोजन आवश्यक है। संगठन के प्रतिनिधियों ने बताया कि जिले में बड़ी संख्या में मछुआरे हैं, लेकिन बहुत से लोगों ने विभाग में पंजीकरण नहीं कराया है, जिसके कारण उन्हें योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता। इस पर मंत्री ने अपील की कि सभी मछुआरे अपना पंजीकरण कराएं और संगठन इसके लिए पहल करे़ं
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इस प्रसंग पर पालकमंत्री ने फसल कर्ज वितरण स्थिति का जायजा लिया़। तहसील स्तर पर फसल कर्ज वितरण सम्मेलन आयोजित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि जिन बैंकों का वितरण कम है, उनसे कारण पूछे जाएं और उन्हें कर्ज वितरण बढ़ाने को कहा जाए। सम्मेलन में सभी बैंक अधिकारियों को उपस्थित रहना होगा और पात्र किसानों को वहीं पर कर्ज मंजूर किया जाए।