वर्धा न्यूज
Wardha News: रबी फसल का सीजन शुरू हो गया है। रबी में जिले के किसान प्रमुख रूप से गेहूं तथा चने की फसल लगाते हैं। मात्र दोनों फसलों के बीज की कीमत दुकानों में दोगुनी है। चना 100 रुपये तथा गेहूं 70 रुपये किलो के भाव से मिला है। एक ओर फसल के दाम कम मात्र बीज महंगे होने के कारण किसानों की फसल लगाने से ही लुट शुरू होती है।
एक और बीज, खाद, रासायनिक दवाइयां, मजदूरी आदि के रेट प्रतिवर्ष बढ़ रहे उस तुलना में उपज काम कम होते दिखाई दे रहे हैं। इस वर्ष अतिवृष्टि व निरंतर बारिश के कारण सोयाबीन की फसल का भारी नुकसान हुआ है। विविध संक्रामक बीमारियों की चपेट में सोयाबीन की फसल आने के कारण जिले के किसानों को सोयाबीन की उपज औसतन एक से दो क्विंटल तक हुई है। वहीं कपास की परिस्थिति भी ऐसी है।
कपास की फसल पर विविध संक्रमण बीमारियों का प्रकोप बढ़ रहा है। परिणामवश खरीप की दोनों प्रमुख फसलों ने किसानों को धोका दे दिया है। ऐसे परिस्थिति में किसानों की आस रब्बी की चना व गेहूं की फसल पर टिकी है। इस वर्ष अच्छी बारिश होने के कारण जमीन में नमी है।
साथ ही अक्टूबर माह के अंतिम दिनों में जिले में अच्छी बारिश होने के कारण किसानों का रबी की चना व गेहूं की फसल लगाने पर रुझान अधिक है।इन दोनों फसलों के माध्यम से अपने हाथ कुछ लगे इस दृष्टि से किसान काम पर लग गया है। दिवाली होने के उपरांत चने व गेहूं की फसल लगाने के लिए जमीन तैयार करने में जुट गये है।
रबी के लिए बीज की आवश्यकताओं देखते हुए विविध कंपनियों ने अपना बीज मार्केट में उतारा है। चने की 10 किलो की बैग का रेट कृषि केंद्र में 900 रुपये से लेकर 1250 रुपये तक है। 30 किलो बैग की कीमत 2200 से 2700 रुपये, वहीं गेहूं की 20 किलो बैग का रेट 1000 से 1500 रुपये तक है।
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उल्लेखनीय है कि, बाजार में वर्तमान में चने का रेट 5500 रुपये प्रति क्विंटल है। तथा गेहूं का 2500 रुपये तक है। मात्र बीज का रेट मार्केट रेट से दोगुणा दिख रहा है। कंपनियां किसानों से माल खरीदने के उपरांत पैकेजिंग व अन्य कारणों का हवाला देकर उसका रेट दोगुना कर किसानों का दोहन करने का काम कर रही है।
कृषि केंद्र में चना व गेहूं बीज के रेट दोगुणे होने के कारण कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को घरेलू बीज का उपयोग करने की सूचना की है। घरेलू बीज पर प्रक्रिया कर किसान यही बीज लगा सकते है। जिससे बीज खरीदी की राशि बचत होगी। तथा इसी राशि से फसल पर खर्च कर सकते है। किसान अच्छी क्वालिटी का घरेलू बीज यहां मिले वहां से ले। अथवा अपने घर का उपयोग में ला सकते है। घरेलू बीज से अच्छी उत्पादन होने की बात कृषि जानकारों ने कहीं है।