बैनर पर मुख्यमंत्री को स्थान न देने से राजनीतिक बवाल (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Hinganghat: भारतीय जनता पार्टी हिंगणघाट व ग्रामीण की ओर से हाल ही में स्नातक मतदाता पंजीकरण कार्यशाला विद्या विकास महाविद्यालय के हॉल में हुई। इस कार्यशाला में कार्यकर्ताओं का उत्साह देखने लायक था। मगर कार्यक्रम स्थल पर लगे बैनर को लेकर अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है। इस संदर्भ में हिंगणघाट के पूर्व नगराध्यक्ष ने कार्यक्रम में मार्गदर्शन करते हुए नाराज़गी जताई और सवाल उठाया कि बैनर पर राज्य के मुख्यमंत्री का फोटो न होना क्या इस बात का संकेत है कि हम कहीं राज्य के मुख्यमंत्री को भूल तो नहीं रहे हैं?
कार्यशाला स्थल पर लगे बैनर पर राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का फोटो न होने से कार्यकर्ताओं और स्नातक मतदाताओं के बीच कई सवाल खड़े हो गए हैं। भारतीय जनता पार्टी के प्रोटोकॉल के अनुसार, पार्टी के राष्ट्रीय नेता, राज्य के मुख्यमंत्री और प्रमुख पदाधिकारियों के फोटो बैनरों पर होना अनिवार्य माना जाता है। लेकिन हिंगणघाट में आयोजित इस कार्यक्रम के बैनर से मुख्यमंत्री का फोटो गायब रहने पर अब तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। क्या यह मामला केवल आयोजकों की लापरवाही का नतीजा है? या फिर यह मुख्यमंत्री को जानबूझकर दरकिनार करने का प्रयास हो सकता है?
इतना ही नहीं, इस घटना से स्नातक मतदाताओं में नाराज़गी पनपकर आगामी चुनाव में इसका खामियाज़ा भाजपा को भुगतना पड़ सकता है, ऐसी भी चर्चा शुरू हो गई है। राज्यभर में कहीं भी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को दरकिनार करने का चित्र नहीं दिखता। मगर हिंगणघाट विधानसभा में इस तरह बैनर से उन्हें बाहर रखकर स्थानीय राजनीति में खलबली मच गई है। इस कदम से पार्टी में गुटबाजी का चेहरा एक बार फिर उजागर हुआ है, ऐसा माना जा रहा है। स्नातक मतदाता चुनाव में निर्णायक माने जाते हैं।
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ऐसे संवेदनशील मतदाता कार्यशाला में ही अगर मुख्यमंत्री का फोटो न हो तो इसके गंभीर राजनीतिक परिणाम सामने आ सकते हैं, ऐसी आशंका पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने व्यक्त की है। इसके पीछे आखिर किसका दांव है? यह केवल आयोजकों की गलती है या स्थानीय स्तर पर किसी ने राजनीतिक संदेश देने की कोशिश की है, इस पर सबकी नज़र टिकी हुई है। कुल मिलाकर, हिंगणघाट की इस घटना ने भाजपा खेमे में असमंजस का माहौल बना दिया है और इससे हिंगणघाट विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री की स्थिति पर प्रश्नचिह्न खड़ा हो गया है।