किसानों का मोर्चा (सौजन्य-नवभारत)
Farmers Protest: वर्धा जिले में लगातार की बारिश से फसलों का भारी नुकसान हुआ है। इससे किसानों का टेन्शन बढ़ गया है। ऐसी स्थिति में किसानों को राहत मिले, इसलिए 25 सितंबर को जिलाधिकारी कार्यालय पर आक्रोश मोर्चा निकाला गया। बजाज चौराहे से निकलकर मोर्चा डॉ.बाबासाहब आंबेडकर प्रतिमा परिसर में पहुंचा।
जहां दो घंटे तक किसानों ने ठिया जमाया। इस दौरान पूर्व राज्यमंत्री तथा क्रांतिकारी किसान संगठन के संस्थापक अध्यक्ष रविकांत तुपकर, संगठन के विदर्भ अध्यक्ष तथा युवा संघर्ष मोर्चा के संस्थापक किरण ठाकरे व जिलाध्यक्ष एड. मंगेश घुंगरूड ने उपस्थितों को संबोधित किया। इस समय सरकार की किसान विरोधी नीतियों का जमकर विरोध किया गया।
पश्चात शिष्टमंडल द्वारा जिलाधिकारी के माध्यम से राज्य के मुख्यमंत्री के नाम निवेदन भेजा गया। जिले में लगातार बारिश के व बीमारी के कारण फसले खराब हुई। सोयाबीन, कपास, तुअर सहित अन्य फसल तबाह हो गई। उपज में भारी कमी की आशंका जताई जा रही है। अब तक जिले के 54 में 35 राजस्व मंडलों में अतिवृष्टि दर्ज की गई। शेष 19 मंडलों में भी बारिश व बीमारी के कारण फसले खराब हुई हैं।
किसान आर्थिक संकट में घिर गया है। परिवार का खर्च, बच्चों की पढ़ाई, बेटी का विवाह जैसी चिंता उन्हें सता रही है। ढोल ताशा बजाते हुए किसान जिलाधिकारी कार्यालय तक पहुंचे थे। कोई अनुचित घटना न घटे इसलिए पुलिस का तगडा बंदोबस्त रखा गया था।
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मोर्चा में प्रविण कात्रे, समीर सारजे, सागर दुधाने, लोमहर्ष बाळबुधे, मनोज नागपुरे, संदीप दिघीकर, गौतम पोपटकर, गोपाल चोपडे, स्वप्नील मदणकर, वैभव नगराले, आशिष भोकरे, तुषार झोड, मंगेश वानखेड़े, शेखर धोंगडे, दिनेश गुलघाने, राजू ढगे, इरफान शेख, आसिफ इकबाल, सुनील विपुलवार, गौरव खोपाल, गजानन ताकसांडे, अंकुश दाभीरे, राहुल पेटकर, सुरज मांडवकर, अनिकेत मानकर, रुपराव खैरकार, दिलीप बालबुधे, सौरभ गोडे व सहित सैकड़ों किसान शामिल हुए थे।
इस अवसर पर किसानों ने वर्धा जिले में शीघ्र गिला अकाल घोषित करें। किसानों को प्रति हेक्टयर 50 हजार रुपए औसतन भरपाई दें। पंचनामा कर केवल कुछ ही किसानों को लाभ न देते हुए सभी किसानों को लाभ दिया जाए, किसानों की संपूर्ण कर्जमाफी शीघ्र करें। किसानों को शिकायत का अधिकार न होने से नई फसल बीमा प्रणाली किसानों के नहीं बल्कि कंपनी को फायदा पहुंचाने वाली है। इसके मानकों में बदलाव करें। वन्यजीवों का बंदोबस्त करें, किसान आत्महत्या रोकने विशेष पैकेज व स्थायी उपाय योजना पर ध्यान देने सहित विविध मांगों का ज्ञापन सरकार का सौंपा।