वर्धा न्यूज
Wardha News: महाराष्ट्र में लगातार हो रही भारी बारिश, अतिवृष्टि और फसलों पर फैल रहे रोगों के कारण किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। इस गंभीर परिस्थिति को देखते हुए शेतकरी संगठन ने 29 सितंबर सोमवार को राज्यभर के तहसील और उपविभागीय अधिकारी कार्यालयों के सामने धरना आंदोलन करने की घोषणा की है।
संगठन का कहना है कि अगस्त और सितंबर महीने में हुई अतिवृष्टि और अत्यधिक वर्षा के कारण किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं। सोयाबीन की फसल चारकोल रॉट और येलो मोजेक वायरस के कारण नष्ट हो रही है, वहीं तूर की फसल सूख रही है और कपास पीली पड़कर बढ़ना बंद हो गया है। इसके चलते उत्पादन में भारी गिरावट की आशंका जताई जा रही है।
संगठन ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार ने कपास, तूर, चना, मूंग जैसी फसलों पर आयात शुल्क खत्म कर विदेशों से बड़े पैमाने पर आयात शुरू कर दिया है, जिससे बाजार में इन फसलों के दाम गिर गए हैं। वहीं, वायदा बाजार में भी इन फसलों के व्यापार पर रोक लगा दी गई है। इससे किसानों पर प्राकृतिक आपदा (आस्मानी) और सरकारी नीतियों (सुलतानी) का दोहरा संकट आ गया है।
संगठन ने गीला अकाल घोषित किया जाए और एनडीआरएफ के निकषों को दरकिनार करते हुए प्रति हेक्टेयर ₹50,000 मुआवजा घोषित किया जाए। चुनाव में किए गए वादे के अनुसार संपूर्ण कर्जमाफी कर 7/12 कोरा किया जाए, CCI को कपास बिक्री के लिए बाजार समितियों और खरीदी केंद्रों पर रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध कराई जाए और जब तक खरीदी बंद न हो, तब तक पंजीकरण जारी रहे। फसल ऋण के लिए बैंकों द्वारा लगाई गई सिबिल स्कोर की शर्त को तुरंत रद्द किया जाए।
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कपास व अन्य दलहनों पर आयात शुल्क पुनः लागू किया जाए, विशेषतः कपास पर पूर्व का 11% शुल्क। वन्य प्राणियों द्वारा फसलों को हो रहे नुकसान के लिए या तो उनके नियंत्रण के उपाय किए जाएं या किसानों को तत्काल मुआवजा दिया जाए। सर्पदंश से मृत्यु होने पर, चूंकि सांप अब वन्य प्राणी घोषित है, अन्य वन्य प्राणियों की तरह पीड़ित के परिवार को आर्थिक सहायता दिए जाने की मांग की है।
शेतकरी संघटना ने आरोप लगाया कि कपास विक्री के लिए किसान ऐप पर पंजीकरण करना अनिवार्य किया गया है, जिसमें ई-पिक रजिस्ट्रेशन और 7/12 दस्तावेज की आवश्यकता है। पंजीकरण की अंतिम तारीख 30 सितंबर है, लेकिन ऐप पर पंजीकरण करना बेहद कठिन हो गया है, जिससे हजारों किसान पंजीकरण से वंचित रह सकते हैं।