
वर्धा. जिले में शनिवार को हुई बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि ने किसानों का टेंशन बढ़ा दिया है़ आष्टी, कारंजा व आर्वी तहसील में बड़ी मात्रा में फसल नष्ट हुई़ आर्वी उपविभाग में करीब 11 हेक्टेयर क्षेत्र में नुकसान का अनुमान जताया गया़ गेहूं, चना, तुअर, सब्जी फसलों के साथ ही संतरा, मौसंबी, पपीता व केले के बगीचे नष्ट हुए है़ं नुकसान क्षेत्र का विधायक दादाराव केचे, पूर्व विधायक अमर काले व प्रशासन के अधिकारियों ने निरीक्षण किया़ मौसम विभाग ने 11 जनवरी को बारिश के आसार जताए है़ ऐसे में किसानों की बचीकुची उम्मीदों पर भी पानी फिरने की आशंका है.
शनिवार की दोपहर आष्टी (शहीद), कारंजा (घाड़गे) व आर्वी तहसील में तूफानी बारिश व ओलावृष्टि ने कहर बरपाया़ इसमें बड़ी मात्रा में फसलों का नुकसान हुआ है़ आष्टी तहसील के खड़की में किसान राहुल खैरकार, रवि नागपुरे, नंदकिशोर नागपुरे, परसोडा में सुभाष कांडलकर, जयेश गोरे के खेत को विधायक दादाराव केचे ने भेंट देकर नुकसान का जायजा लिया़ इस समय उन्होंने किसानों को आश्वस्त करते हुए सरकार की ओर गेहूं, चना, तुअर व सब्जी फसल के नुकसान पर प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपए व संतरा फल बगीचा के नुकसान पर प्रति हेक्टेयर एक लाख रु़ की राहत देने की मांग की़ इस समय नायब तहसीलदार कालोसे, तहसील कृषि अधिकारी प्रशांत गुल्हाने, कृषि सहायक यूवी चौरीपगार, सिमोन घागरे, मंडल कृषि अधिकारी एसटी सरोदे, भाजपा ओबीसी मोर्चा के जिलाध्यक्ष सुरेश नागपुरे, लहान आर्वी के पूर्व सरपंच सुनील साबले, परसोड़ा के सरपंच छत्रपति रावलकर, भाजपा जिला महामंत्री आवेज खान सहित किसान उपस्थित थे.
उपविभागीय कृषि अधिकारी सतीश सांगले के अनुसार आष्टी तहसील में 500 हेक्टेयर, कारंजा तहसील में 500 हेक्टेयर तथा आर्वी तहसील में 100 हेक्टेयर इस प्रकार आर्वी उपविभाग में कुल 1,100 हेक्टेयर के नुकसान का अनुमान है़ नुकसान क्षेत्र का सर्वेक्षण कर पंचनामे शीघ्र पेश करने के निर्देश कृषि सहायक, पटवारी व ग्रामसेवकों को दिये गए है़ आष्टी तहसील के नुकसान क्षेत्र का तहसीलदार सचिन कुमावत, खड़की के पटवारी जुमनाके, परसोडा के पटवारी शेख, कृषिसेवक व सरपंच ने सर्वेक्षण किया.
शनिवार की शाम तहसील के विभिन्न हिस्सों में तूफानी बारिश व ओलावृष्टि ने दस्तक दी़ जोरदार बारिश के कारण गेहूं, चना व तुअर की फसल का काफी नुकसान हुआ़ सर्वाधिक क्षति संतरा व पपीते की बगीचे को हुई़ पेड़ों को लगे फल निचे गिर गए़ वहीं पपीते के पौधे जमींदोज हो गए़ तहसील के शेलगांव लवणे, धरती, बोरी, ठानेगांव, राजनी, नारा, सावरडोह, बेलगांव, सुसुंद्रा, सारवाडी, पारडी, बोंदरठाना, चिंचोली, कन्नमवार, ग्रामकुंडी, बांगडापुर आदि क्षेत्र में फसलों का नुकसान दर्ज किया गया़ शेलगांव लवणे में बेर के आकार के ओले गिरने की जानकारी है़ नारा, आजनादेवी में दिलीप दत्तू चौधरी की पपीते की बाग पूर्णत: तबाह हो गई.

पेड़ गिरकर जमींदोज हो गए़ इसमें उनका भारी नुकसान हुआ है़ इसके अलावा रामदास खवशी, दत्तू खवशी के संतरे के बगीचे नष्ट होने से भारी नुकसान बताया गया़ किसानों ने तुअर के ढेर खेतों में लगा रखे थे़ जो बारिश के कारण गीले होने से काफी नुकसान हुआ है़ आजनादेवी के लीलाधर काशी का संतरे का बगीचा नष्ट हुआ़ शेलगांव लवणे के संतरा उत्पादक किसान रवि पठाडे ने बताया कि लगातार तीन वर्षों से बगीचा नहीं आया था़ इस बार पेड़ों को अच्छे फल लगे थे़ किन्तु बारिश व तूफान ने हमारे मुंह का निवाला छीन लिया़ क्षेत्र के कपास, तुअर की फसल का भी काफी नुकसान हुआ़ लागत खर्च भी नहीं निकल पा रहा है.
आर्वी तहसील में भी शनिवार की देर शाम अच्छी बारिश दर्ज की गई़ तूफान के कारण क्षेत्र में संतरा व केले के बगीचे क्षतिग्रस्त हुए़ इसके अलावा रबी फसलों का भी काफी नुकसान हुआ है़ खेतों में बारिश का पानी जम गया़ किसानों ने नुकसान क्षेत्र का शीघ्र सर्वेक्षण करके राहत प्रदान करने की मांग की है.
क्षेत्र में बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से फसलों का काफी नुकसान हुआ़ इससे परिसर का किसान फीर एक बार संकट में घिर गया है़ संतरा, गेहूं, तुअर व सब्जी फसल तबाह हो गई़ रविवार को पूर्व विधायक अमर काले ने पिंपलखुटा, गुमगांव आदि परिसर का निरीक्षण किया़ किसानों को आश्वस्त करते हुए पालकमंत्री सुनील केदार से भेंट कर पीड़ित किसानों को राहत देने का प्रयास करने की बात कही. इस प्रसंग पर किसानों की उपस्थिति थी.






