बीड के ग्रामीण आंदोलन करेंगे। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
छत्रपति संभाजीनगर: जनता और विपक्ष के बढ़ते दबाव के बाद बीड सरपंच हत्या मामले में धीरे-धीरे और एक-एक कर गिरफ्तारी की जा रही है। लेकिन फिर भी मामले को जिस तरह से हैंडल कर कार्रवाई की जानी चाहिए, उस तरह से नहीं की जा रही है। ऐसा आरोप करते हुए अब मसाजोग गांव के ग्रामवासी इस लड़ाई में उतर गए हैं।
बता दें कि मसाजोग गांव के कई लोगों ने पिछले सप्ताह ‘जल समाधि’ आंदोलन किया था और पुलिस को मामले के फरार आरोपियों को पकड़ने के लिए 11 जनवरी तक की समयसीमा दी थी। मसाजोग गांव निवासियों ने शुक्रवार को कहा कि वे आंदोलन के अगले कदम के बारे में कुछ दिनों में तय करेंगे।
ज्ञात हो कि बीड जिले के मासजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख का 9 दिसंबर को अपहरण कर लिया गया, उन्हें प्रताड़ित किया गया और उनकी हत्या कर दी गई। कथित तौर पर यह हत्या एक पवनचक्की परियोजना से जुड़ी ऊर्जा कंपनी के खिलाफ जबरन वसूली को रोकने के उनके प्रयासों के कारण की गई। पुलिस ने इस मामले में अब तक कुल 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में एक आरोपी अब भी फरार है।
महाराष्ट्र के मंत्री धनंजय मुंडे के सहयोगी वाल्मीक कराड को जबरन वसूली के एक मामले में गिरफ्तार किया गया है। आपराधिक जांच विभाग यानी सीआईडी हत्या और जबरन वसूली के मामलों की जांच कर रहा है। एक ग्रामीण ने संवाददाताओं से कहा, “आंदोलन का अगला कदम दो दिनों में तय किया जाएगा। निर्णय सर्वसम्मति से लिया जाएगा। पुलिस विभाग को 10 दिनों की समयसीमा दी गई है और यह एक या दो दिन में समाप्त हो जाएगी।”
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ग्रामवासियों ने बताया कि हत्या के मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर ग्रामीण एक माह से तंबू में बैठे हैं। उन्होंने कहा, “हम न्याय चाहते हैं। छठा आरोपी, जो अब भी फरार है, उसे भी गिरफ्तार किया जाना चाहिए।” पुलिस अब तक की गई जांच का ब्यौरा बताए यह भी मांग ग्रामीणों ने की है।
उन्होंने कहा कि हमें समझ है कि सीआईडी जांच थोड़ी गोपनीय है। लेकिन कम से कम देशमुख के परिवार के सदस्यों को इसके बारे में सूचित जरूर किया जाना चाहिए।
(एजेंसी इनपुट के साथ)