
प्रतीकात्मक तस्वीर ( सोर्स:सोशल मीडिया )
Massajog Sarpanch Murder Case News: छत्रपति संभाजीनगर बीड जिले के मस्साजोग ग्राम पंचायत के सरपंच संतोष देशमुख की चर्चित हत्या प्रकरण में वाल्मीक कराड़ का नाम मुख्य सूत्रधार के रूप में सामने आया है। शुक्रवार को मुंबई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद पीठ में उसके जमानत अर्ज पर सुनवाई हुई।
न्यायमूर्ति एस। एम। घोडेस्वार की पीठ के समक्ष सरकारी वकील अमरजीतसिंह गिरासे ने विस्तृत और ठोस युक्तिवाद किया। बचाव पक्ष ने दावा किया कि वाल्मीक कराड़ को प्रकरण में गलत तरह से फंसाया गया है। अब आगे की सुनवाई मंगलवार, 16 दिसंबर को होगी।
बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ विधिज्ञ शिरीष गुप्ते ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के मिहिर शाह फैसले के अनुसार आरोपी को गिरफ्तारी के लिखित कारण देना अनिवार्य है, जबकि ऐसा नहीं किया गया। बचाव पक्ष ने यह भी कहा कि मोक्का कानून गलत तरीके से लगाया गया है और घटना के दिन कराड़ घटनास्थल से सैकड़ों किलोमीटर दूर था।
इसके बाद उन्हें लगातार धमकियां मिलने लगीं। सरकारी पक्ष के अनुसार कराड़ ने ‘अड़चन दूर करो’ ऐसा आदेश दिया, जिसके बाद सुदर्शन घुले और उसके साथी उमरी टोल नाके से देशमुख का अपहरण कर सुनसान जगह पर ले गए और बेरहमी से पिटाई की। मारपीट के दौरान कराड़, घुले और विष्णू चाटे के बीच फोन संपर्क लगातार जारी था, ऐसा भी अदालत में बताया गया।
वीडियो अपर हुए सुनवाई के दौरान देशमुख पर हुए अत्याचारों के 23 में दिखाए गए। वीडियो देखते समय अदालत में मौजूद लोग, वकील और देशमुख का परिवार भावुक हो गया। उनकी पत्नी अश्विनी देशमुख और भाई धनंजय की आंखों से आंसू बह निकले। उन्हें कोर्टरूम से बाहर जाकर खुद को संभालना पड़ा।
सरकारी वकील अमरजीतसिंह गिरासे ने घटना का तिथि-वार तपशील रखते हुए सीडीआर, सीसीटीवी फुटेज, ऑडियो रिकॉर्डिंग, फॉरेंसिक रिपोर्ट और गवाहों के बयान न्यायालय के समक्ष पेश किए।
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इन सभी के आधार पर उन्होंने स्पष्ट किया कि कराड़ ‘अवादा ही इस पूरे षड्यंत्र का मुख्य सूत्रधार है। गिरासे ने न्यायालय को बताया कि कराड़ ने ‘3 कंपनी’ से दो करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी। नकार मिलने पर उसने सुदर्शन घुले को कंपनी पर दबाव बनाने भेजा।
घुले ने कंपनी कर्मियों को जातिसूचक गाली-गलौज की, मारपीट की और अधिकारियों को जान से मारने की धमकी दी। इस स्थिति से चिंतित होकर सरपंच संतोष देशमुख ने कंपनी बंद न हो और स्थानीयों का रोजगार सुरक्षित रहे, इसके लिए प्रशासन को शिकायत दी।






