रैपिडो बाइक टैक्सी
मुंबई: बीते दिनों परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक के कड़े निर्देशों के बाद भी मुंबई में धड़्डले से अनधिकृत बाइक टैक्सी चलाई जा रहीं है। नवभारत टीम द्वारा पता लगाए जाने पर, यह बात सामने आई कि रैपिडो को किसी का भी डर नहीं है। चर्चगेट और सीएसएमटी को छोड़ कर पूरी मुंबई में रपिडों द्वारा यह सर्विस चलाई जा रही है। हालांकि ओला और उबर ने सर्विस बंद कर दी है। रैपिडो के अधिकारियों से पूछे जाने पर उन्होंने इस मामले पर चुप्पी साध ली है।
क्या रैपिडो कानून से ऊपर है? उठ रहे कई सवाल
सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर (मौजूदा समय में एक्स) पर राहुल नाम के यूज़र ने लिखा कि ‘क्या रैपिडो कानून से ऊपर है? परिवहन मंत्रालय की चेतावनी के बावजूद, अवैध बाइक टैक्सी सेवा चालू है। ये मंत्रालय जैसे सरकारी क्षेत्रों में सेवा न दिखाकर नियमों से बचने की कोशिश कर रहे हैं। फिर भी इन पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?’ तो वहीं राजेश नाम के एक अन्य यूजर ने लिखा कि बाकी सभी कंपनियों ने बाइक टैक्सी सेवाएं बंद कर दी हैं, लेकिन रेपिडो की बाइक टैक्सियां अभी भी सड़कों पर दौड़ रही हैं।
परिवहन मंत्री ने रंगे हाथों पकड़ा था राईडर
परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने एक रैपिडो बाइक को रंगे हाथों पकड़ा था, जो अवैध रूप से ऐप के माध्यम से यात्रियों की बुकिंग कर रहा था। उन्होंने मंत्रालय से दादर तक के लिए खुद ही एक राइड बुक की। हालांकि इसके लिए उन्होंने एक अलग नाम का इस्तेमाल किया था, जिसके बाद यह कयास लगाया गया था कि जल्द ही अनधिकृत तरीके से चलने वाली इस सर्विस को रोका जाएगा।
1 अप्रैल से ही शुरू कर दी गई बाइक टैक्सी
नाम न बताने की शर्त पर एक राइडर ने नवभारत को बताया कि हमने 1 अप्रैल 2025 से बुकिंग लेना शुरू कर दिया है, जबकि आधिकारिक तौर एक अप्रैल तक महाराष्ट्र सरकार द्वारा जीआर भी नहीं निकाला गया था। राइडर ने बताया हमने बुकिंग ऐप के जरिये बुकिंग प्राप्त करना शुरू कर दिया है। कंपनी द्वारा कोई नए नियम के बारे में अवगत नहीं कराया गया है।
लाइसेंस लेना जरूरी
बता दें कि राज्य में यात्री परिवहन शुरू करने के लिए मोटर वाहन अधिनियम और मोटर वाहन एग्रीगेटर गाइडलाइन 2020 के तहत लाइसेंस लेना जरूरी है। हालांकि इन कंपनियों ने बिना कोई वैध अनुमति लिए ऐप के जरिए बाइक टैक्सी सेवाएं शुरू कर दी थी। साथ ही मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार यात्री परिवहन के लिए निजी वाहन का इस्तेमाल नहीं कर सकता है। ऐसा करने पर दंडात्मक कार्रवाई होती है। हालाँकि आरटीओ ने देरी से ही सही पर इस संबंध में नियम तोड़ने वालों पर कार्यवाई शुरू कर दी है।