उमरखेड़ में विवादित पेट्रोल पंप पर प्रशासन ने कार्रवाई शुरू
Umarkhed News: पिछले तीन से चार वर्षों से छत्रपति शिवाजी महाराज अश्वारूढ़ पुतला संघर्ष समिति द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के समीप स्थित अवैध पेट्रोल पंप को हटाने की मांग को लेकर लगातार आंदोलन किया जा रहा था। लेकिन सत्ता पक्ष के विरोध और प्रशासन की निष्क्रियता के कारण यह मुद्दा लंबे समय से लंबित पड़ा हुआ था।आंदोलनकारियों के पीछे न हटने पर पुलिस ने 31 अक्टूबर, शुक्रवार को बल प्रयोग कर अनशन मंडप हटाया और आंदोलनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया।
इसके बाद न्यायालय ने सात आंदोलनकारियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया, जिससे शहर और तहसील का माहौल तनावपूर्ण हो गया। इस कार्रवाई के विरोध में 4 नवंबर को शहर बंद का आह्वान किया गया। सुबह आठ बजे से ही शहर के नेता और शिवप्रेमी नागरिक छत्रपति शिवाजी महाराज चौक पर एकत्रित हुए और जोरदार नारेबाजी की। उन्होंने स्पष्ट कहा कि “लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करने वाले निर्दोष आंदोलनकारियों पर दर्ज मुकदमे वापस लो, और जब तक अतिक्रमण नहीं हटाया जाता, हम पीछे नहीं हटेंगे।”
स्थिति बिगड़ती देख प्रशासन हरकत में आया और पेट्रोल पंप की केबिन का अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की गई। उपविभागीय अधिकारी सखाराम मुले ने आश्वासन दिया कि शेष अतिक्रमण हटाने का काम कल तक पूरा कर लिया जाएगा। दोपहर चार बजे तक सैकड़ों शिवप्रेमी चौक में धरने पर बैठे रहे।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों को सत्ता पक्ष की लापरवाही और प्रशासन की निष्क्रियता के कारण जेल की हवा खानी पड़ी, लेकिन आज की कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया कि आंदोलनकारियों की मांग जायज़ थी और प्रशासन अब तक गलत का समर्थन कर रहा था।
इस आंदोलन में जिजाऊ ब्रिगेड की महाराष्ट्र प्रदेश सहसचिव सरोज देशमुख, एड. संतोष जैन, वरिष्ठ कांग्रेस नेता नंदकिशोर अग्रवाल, पूर्व नगर परिषद उपाध्यक्ष इनायत उल्ला जनाब, पूर्व सभापति संदीप ठाकरे, एड. संजीवकुमार जाधव, मजहर टेलर, कांग्रेस प्रदेश महासचिव साहेबराव कांबले सहित सैकड़ों महिला और पुरुष शिवप्रेमियों ने भाग लिया।
2 नवंबर को जिजाऊ ब्रिगेड की प्रदेश सहसचिव सरोज देशमुख ने शिवप्रेमियों की बैठक में 4 नवंबर को शहर बंद का आह्वान किया था। उसके अनुसार आज शहर में बंद को जबरदस्त और स्वैच्छिक समर्थन मिला। व्यापारियों ने पूरे दिन पूरी तरह बंद का पालन किया।
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स्थिति की गंभीरता को समझते हुए विधायक किसनराव वानखेडे ने सकारात्मक भूमिका निभाई। उपविभागीय अधिकारी कार्यालय में भारत पेट्रोलियम के अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्होंने पेट्रोल पंप का अतिक्रमण तुरंत हटाने के निर्देश दिए। इसके तहत मीटिंग रूम और वॉशरूम को तुरंत हटाया गया, जबकि इलेक्ट्रिक रूम को अनुमति मिलते ही दो दिनों में हटाने का आश्वासन दिया गया। साथ ही नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की गई।