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उल्हासनगर में ‘स्मार्ट स्टिक’ घोटाला, नेत्रहीनों के नाम पर हुआ करोड़ों का भ्रष्टाचार

Thane News: उल्हासनगर मनपा में नेत्रहीनों के लिए खरीदी गई ‘स्मार्ट स्टिक’ में बड़ा घोटाला उजागर हुआ है, जिससे सरकारी खजाने को लाखों रुपए का नुकसान हुआ है।

  • By सोनाली चावरे
Updated On: Oct 09, 2025 | 11:47 AM

उल्हासनगर मनपा (pic credit; social media)

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Ulhasnagar Municipal Corporation Smart Stick Scam: उल्हासनगर नेत्रहीनों के नाम पर उल्हासनगर मनपा में बड़ा घोटाला सामने आया है। दिव्यांग कल्याण विभाग की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि ‘स्मार्ट स्टिक’ और साधारण स्टिक की खरीद में बाजार मूल्य से पांच गुना ज्यादा भुगतान किया गया। इससे यह साबित होता है कि दिव्यांगों के कल्याण के नाम पर लाखों रुपए की सरकारी राशि बर्बाद की गई।

रिपोर्ट के मुताबिक स्मार्ट स्टिक 12,000 रुपए और साधारण स्टिक 8,200 रुपए में खरीदी गई, जबकि यही सामान बाजार में महज दो से ढाई हजार रुपए में उपलब्ध है। जांच समिति ने तत्कालीन विभागाध्यक्ष राजेश धनधाव और उपायुक्त डॉ. सुभाष जाधव के खिलाफ सीधी कार्रवाई की सिफारिश की है।

यह खरीद प्रक्रिया वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 में हुई थी। प्रहार जनशक्ति पार्टी के ठाणे जिला अध्यक्ष अधिवक्ता स्वप्निल पाटिल ने शिकायत दर्ज कराते हुए आरोप लगाया था कि दिव्यांगों की योजनाओं के नाम पर धन की बर्बादी की गई। इसके बाद आयुक्त मनीषा अव्हाले के निर्देश पर एक उच्चस्तरीय जांच समिति गठित की गई।

इसे भी पढ़ें- उल्हासनगर महानगर पालिका की वार्ड संरचना की घोषणा, 20 वार्डों से 78 पार्षदों का चुनाव

समिति में अतिरिक्त आयुक्त, मुख्य लेखा अधिकारी, लेखा परीक्षक और दिव्यांग कल्याण विभाग के अधिकारी शामिल थे। जांच में यह सामने आया कि खरीद प्रक्रिया में किसी अधिकृत निर्माता या विक्रेता की भागीदारी नहीं थी। साथ ही, आईएसआई और गुणवत्ता मानकों की पूरी तरह अनदेखी की गई।

जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में साफ लिखा है कि विभाग के तत्कालीन प्रमुखों ने खरीद से पहले बाजार सर्वेक्षण नहीं किया और गुणवत्ता की जांच को भी नजरअंदाज किया। यह लापरवाही सीधे तौर पर वित्तीय अनियमितता को दर्शाती है।

समिति ने अनुशंसा की है कि तत्कालीन विभागाध्यक्ष राजेश धनधाव के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की जाए और उपायुक्त डॉ. सुभाष जाधव के खिलाफ सरकारी स्तर पर जांच की सिफारिश की जाए।

इस घोटाले के उजागर होने के बाद उल्हासनगर मनपा की खरीद प्रणाली पर गंभीर सवाल उठे हैं। नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है और अन्य विभागों की खरीद की भी जांच की मांग तेज हो गई है।

Ulhasnagar smart stick scam crores of rupees worth of corruption in the name of the blind

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Published On: Oct 09, 2025 | 11:47 AM

Topics:  

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