शिंदे गुट में राजन साल्वी (सौजन्य-एक्स)
नासिक: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद विपक्षी दल के नेता अपना पद और अपनी सत्ता बचाने के लिए अब अपना पाला बदल रहे है।इसमें अब तक तो ठाकरे गुट के नेताओं का ही नाम था लेकिन अब महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना भी महायुति में चल दी है। नेताओं की इन दलों की बदली ने ठाकरे भाईयों का सिरदर्द बढ़ा दिया है।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के पूर्व नगरसेवक योगेश शेवरे, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी के पूर्व नगरसेवक पवन पवार और कांग्रेस महिला अघाड़ी की नासिक जिला अध्यक्ष वंदना पाटिल शिवसेना शिंदे गुट में शामिल हो गए हैं। यह प्रविष्टि पार्टी प्रमुख और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की उपस्थिति में की गई।
पदभार ग्रहण समारोह ठाणे स्थित एकनाथ शिंदे के निवास पर उनकी प्रमुख उपस्थिति में आयोजित किया गया। इस अवसर पर शिवसेना उपनेता तथा नासिक जिला संपर्क प्रमुख विजय (अप्पा) करंजकर, सह संपर्क प्रमुख राजू (अन्ना) लवटे, महानगर प्रमुख प्रवीण (बंटी) तिड़मे, विक्रम नागरे, अभय महादास तथा शिवसेना पदाधिकारी उपस्थित थे।
रत्नागिरी जिले में ठाकरे गुट के पूर्व विधायक और उपनेता राजन साल्वी एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल होने वाले हैं। हाल ही में विधानसभा चुनाव हारने के बाद साल्वी ने ठाकरे गुट के उपनेता पद से इस्तीफा दे दिया था। बताया जाता है कि वे नाखुश थे और उनके शिवसेना या भाजपा में शामिल होने की उम्मीद थी लेकिन अब वे शिंदे गुट में शामिल हो गए है।
◻️LIVE 📍आनंद आश्रम, ठाणे 🗓️ 13-02-2025 📹 श्री राजन साळवी यांच्यासह शेकडो पदाधिकारी व कार्यकर्त्यांचा शिवसेनेत जाहीर प्रवेश – लाईव्ह🏹
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राजन साल्वी आज, गुरुवार को ठाणे में एक समारोह में अपने समर्थकों के साथ एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में आधिकारिक तौर पर शिवसेना में शामिल हो गए है। पूर्व विधायक सुभाष बाने और गणपत कदम के भी शिंदे के गुट में शामिल होने की उम्मीद है। यह कदम ठाकरे गुट के नेताओं को लुभाने के लिए शिंदे के गुट द्वारा ऑपरेशन टाइगर की शुरुआत का प्रतीक है।
साल्वी के शिवसेना में शामिल होने के कदम को उद्धव ठाकरे के लिए झटका माना जा रहा है। साल्वी रत्नागिरी जिले के राजापुर विधानसभा क्षेत्र से 2009-2024 तक विधायक रहे थे, लेकिन नवंबर 2024 में हुए विधानसभा चुनाव में उन्हें उद्योग मंत्री उदय सामंत के भाई एवं शिवसेना के किरण सामंत से हार का सामना करना पड़ा था। साल्वी इस हार के बाद से ही पार्टी (यूबीटी) के नेताओं से नाराज थे और अपनी हार के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहरा रहे थे।
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उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) के उपनेता पद से बुधवार को इस्तीफा दे दिया था। साल्वी ने बुधवार को ठाकरे को लिखे पत्र में कहा, ‘‘मौजूदा परिस्थितियों और संगठन में अंदरूनी राजनीति के बीच मैं अपने पद के साथ न्याय नहीं कर पाऊंगा। अपनी हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मैं पार्टी के उपनेता पद से इस्तीफा दे रहा हूं।” रत्नागिरी जिले सहित तटीय कोंकण क्षेत्र कभी ठाकरे की पार्टी का गढ़ हुआ करता था।