नवी मुंबई एयरपोर्ट (pic credit; social media)
Navi Mumbai Airport: नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट का पहला चरण भले ही कुछ दिनों बाद शुरू होने जा रहा है और दिसंबर से देश के कई शहरों के लिए उड़ानें भी शुरू हो जाएंगी, लेकिन यात्रियों के लिए असली परेशानी एयरपोर्ट तक पहुंचने की है। एयरपोर्ट के रनवे और टर्मिनल का काम लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन कनेक्टिविटी की बड़ी-बड़ी परियोजनाएं अभी भी अधूरी हैं और इन्हें पूरा होने में कई साल लग सकते हैं।
सबसे बड़ी समस्या साउथ मुंबई से आने-जाने वाले यात्रियों के लिए है। यहां से नवी मुंबई एयरपोर्ट को जोड़ने के लिए अटल सेतु से कोस्टल रोड का काम चल रहा है। युद्ध स्तर पर काम शुरू तो है, लेकिन इस रोड को पूरा होने में कम से कम एक साल और लगेगा। तब तक यात्रियों को पुराने रूट का इस्तेमाल करना पड़ेगा और रास्ते में ट्रैफिक जाम से जूझना होगा।
गोरेगांव और बोरीवली से आने वाले यात्रियों की मुश्किलें भी कम नहीं होंगी। इन इलाकों से एयरपोर्ट पहुंचने के लिए घोड़बंदर-ठाणे मार्ग ही एकमात्र विकल्प है, और इस रूट पर ट्रैफिक जाम की स्थिति किसी से छिपी नहीं है।
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इसी तरह ठाणे-बेलापुर रोड पर भी रोजाना जाम लगता है। इसे देखते हुए एयरपोर्ट को जोड़ने के लिए मेट्रो कॉरिडोर और अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की योजना तो बनी है, लेकिन अभी वे सिर्फ कागजों पर हैं। सिडको ने मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए सलाहकार कंपनी तो नियुक्त कर दी है, लेकिन इस काम को धरातल पर आने में सालों लगेंगे।
इतना ही नहीं, घाटकोपर से घनसोली के बीच ठाणे खाड़ी पर नया पुल बनाने की योजना भी कागजों से बाहर नहीं निकली। इस प्रोजेक्ट पर राज्य सरकार ने हाल ही में विचार शुरू किया है, लेकिन काम कब शुरू होगा और कब पूरा होगा, यह कोई नहीं जानता।
यानी साफ है कि दिसंबर से भले ही नवी मुंबई एयरपोर्ट से विमान उड़ान भरने लगेंगे, लेकिन यात्रियों को वहां तक पहुंचने के लिए लंबा सफर और घंटों का ट्रैफिक झेलना पड़ेगा। सवाल यह है कि क्या सरकार और प्रशासन यात्रियों को समय रहते सुगम कनेक्टिविटी दिला पाएंगे या फिर एयरपोर्ट शुरू होने के बाद भी लोगों की मुश्किलें जस की तस बनी रहेंगी।