शरद अजित पवार गुट बैनर वार (pic credit; social media)
Banner war in Thane: आगामी मनपा चुनाव को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के शरद और अजित पवार गुटों के बीच ठाणे शहर में बैनर वार शुरू हो गया है। शनिवार को शरद पवार गुट ने शहर के विभिन्न हिस्सों में बैनर लगाए थे। इन बैनरों में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. जितेंद्र आव्हाड को विश्वविद्यालय के हित के बजाय अहंकारी बताया गया और कहा गया कि किसी छात्र के निकलने से विश्वविद्यालय को नहीं बल्कि छात्र को नुकसान होता है।
रविवार को अजित पवार गुट ने इसका करारा जवाब देते हुए कैडबरी जंक्शन सहित अन्य प्रमुख स्थानों पर बैनर लगाए। इन बैनरों में डॉ. आव्हाड की तुलना रावण के अहंकार से की गई और शरद पवार गुट की रणनीति पर हमला किया गया। इससे शहर में राजनीतिक चर्चा और तेज हो गई है।
पिछले दिनों ठाणे स्थित एनसीपी कार्यालय में उपमुख्यमंत्री अजित पवार की उपस्थिति में शरद पवार गुट के ठाणे शहर अध्यक्ष सुहास देसाई और उनके साथी पार्टी में शामिल हुए थे। इस प्रवेश ने शरद पवार गुट के विधायक जितेंद्र आव्हाड को झटका दिया। इसके बाद शरद पवार गुट ने चंदनवाड़ी और गणेशवाड़ी इलाकों में बैनर लगाकर पार्टी छोड़ने वालों की फटकार लगाई और उनकी आलोचना की।
ठाणे में राजनीतिक हलकों में इन बैनरों की चर्चा तेज हो गई है। एनसीपी युवा कांग्रेस (अजित पवार गुट) के राष्ट्रीय महासचिव मोहसिन शेख और जिला अध्यक्ष वीरू वाघमारे ने ठाणे शहर के प्रमुख चौकों पर बैनर लगाकर अपनी प्रतिक्रिया दी। बैनरों में पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच बढ़ते तनाव और मतदाताओं पर इसका असर देखने को मिलेगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि चुनाव के पहले इस तरह का बैनर वार दोनों गुटों के बीच बढ़ते प्रतिद्वंद्विता और शक्ति प्रदर्शन का संकेत है। पार्टी कार्यकर्ताओं और मतदाताओं में इसकी गहरी छाप पड़ेगी।
ठाणे शहर में एनसीपी का यह बैनर वार न केवल चुनावी राजनीति को गरमाएगा, बल्कि स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच रणनीतिक पैंचों को भी उजागर करेगा।