शिंदे और नाइक के बीच टकराव (pic credit; social media)
Maharashtra Politics: ठाणे जिले में राजनीतिक वर्चस्व को लेकर राज्य के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और वन मंत्री गणेश नाइक के बीच खटास अब आर-पार की लड़ाई की कगार पर पहुँच गई है। यह विवाद कल्याण ग्रामीण क्षेत्र के 14 गांवों को नवी मुंबई मनपा में शामिल करने के फैसले के बाद शुरू हुआ।
वन मंत्री गणेश नाइक ने इस फैसले पर टिप्पणी की, जिसे लेकर शिवसेना प्रवक्ता और ठाणे के सांसद नरेश म्हस्के ने शनिवार को पत्रकार परिषद में कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि नाइक उपमुख्यमंत्री को अक्षम कह रहे हैं, जबकि अक्षमता का वीडियो पहले ही नवी मुंबई की गलियों में वायरल हो चुका था। यह वीडियो फेसबुक और व्हाट्सएप के माध्यम से महाराष्ट्र में मशहूर हो गया है और भविष्य में सिनेमाघरों में भी दिखाया जाएगा।
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सांसद म्हस्के ने कहा कि उपमुख्यमंत्री शिंदे ने एफएसआई में वृद्धि कर नवी मुंबई के भूमिपुत्रों, माथाडी कामगारों और झोपड़ावासियों के लिए मुफ्त घर सुनिश्चित किए हैं। 14 गांवों के विकास के लिए सरकार ने 70 करोड़ रुपये का कोष जारी किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि नवी मुंबई में भाई-भतीजावाद थोपने वाले गणेश नाइक ने वर्षों तक नागरिकों को सुविधाओं से वंचित रखा।
उन्होंने आगे कहा कि कोविड महामारी के कारण नवी मुंबई मनपा की वित्तीय स्थिति प्रभावित हुई, लेकिन शिंदे ने भारी धनराशि उपलब्ध कर सड़कें, फ्लाईओवर और बुनियादी ढांचा सुधारने के काम किए। इसके बावजूद नाइक लगातार शिंदे की आलोचना कर रहे हैं। सांसद म्हस्के ने चेतावनी दी कि भविष्य में इस तरह के बेतुके बयान जारी रहे, तो आम शिवसैनिक उसी भाषा में जवाब देंगे।
पत्रकार परिषद में शिवसेना नवी मुंबई जिला प्रमुख किशोर पाटकर, द्वारकानाथ भोईर, शिवराम पाटिल और महिला आघाड़ी की सरोज पाटिल उपस्थित थीं। उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक जंग सिर्फ नेताओं के बीच नहीं, बल्कि नवी मुंबई के नागरिकों के हितों से जुड़ी हुई है।