मीरा-भाईंदर मनपा (सोर्स: सोशल मीडिया)
Mira Bhayandar News In Hindi: मीरा-भाईंदर मनपा चुनाव में भाजपा और शिवसेना के बीच महायुति पर अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है, वहीं महा विकास अघाड़ी (MVA) में शामिल चारों दलों ने सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर सहमति बना ली है।
गठबंधन में शामिल सभी पार्टियां 20-20 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी, जबकि शेष सीटों को लेकर अंतिम चरण की बातचीत जारी है। आधिकारिक घोषणा और उम्मीदवारों के नामों का ऐलान जल्द किया जाएगा।
मीरा भाईंदर मनपा चुनाव के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरेंगी। लंबे समय से चल रही बैठकों के बाद आखिरकार सीटों के बंटवारे पर सहमति बनी है।
मनपा के 95 सीटों के लिए चार दलों में 20-20 फार्मूला के हिसाब से 80 सीटें होती है। सूत्रों के अनुसार, शहर में कांग्रेस का बोट शेयर अपेक्षाकृत मजबूत होने के कारण बच्ची हुई कुछ सीटें कांग्रेस के खाते में जा सकती हैं।
हालांकि, शिवसेना (उद्धव) और मनसे के बीच दो-दो सीटों को लेकर अभी भी चर्चा जारी है। मनसे के शहर प्रमुख संदीप राणे ने संकेत दिए हैं कि अगले दो दिनों में सीट आवंटन पूरा कर लिया जाएगा। मुजफ्फर हुसैन फैक्टर से महाविकास आघाड़ी को बढ़त मिलने की संभावना जताई गई है।
मीरा-भाईंदर के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक मुजफ्फर हुसैन का क्षेत्र में बड़ा जनाधार माना जाता है। हालिया विधानसभा चुनाव में उन्हें 83 हजार वोट मिले थे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उनका प्रभाव मनपा चुनाव में कांग्रेस समेत पूरे महाविकास आघाड़ी गठबंधन के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
अब सभी की निगाहें महाविकास आघाडी की आधिकारिक घोषणा और उम्मीदवारों की सूची पर टिकी है। साफ है कि मीरा भाईंदर मनपा चुनाव धीरे धीरे एक दिलचस्प मोड की तरफ बढ़ते दिखाई दे रहा है।
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हालांकि, मनसे के साथ गठबंधन को लेकर कांग्रेस के सामने चुनौतियां भी हैं। 29 जून को मीरारोड पूर्व में मराठी न बोलने के मुद्दे पर एक दुकानदार के साथ हुई मारपीट की घटना और उसका वीडियो वायरल होने के बाद राजस्थानी 36 कौम के व्यापारियों में नाराजगी देखी गई। शहर में इस समुदाय की संख्या और व्यापारिक प्रभाव को देखते हुए, राजनीतिक जानकारों का मानना है कि मनसे के साथ गठबंधन कांग्रेस को नुकसान भी पहुंचा सकता है।