अंबरनाथ : कल्याण के आगे बदलापुर (Badlapur) और अंबरनाथ (Ambernath) के बीच रहने वाले उपनगरीय रेलयात्रियों (Railway Passengers) को राहत देने वाला समाचार है की ऊक्त दोनों रेलवे स्टेशनों के बीच प्रस्तावित अहम तीसरी और चौथी रेलवे लाइन (Railway Line) का काम आखिरकार तेज होने जा रहा है। राज्य सरकार ने पटरी बिछाने के लिए आवश्यक भूमि के भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के तहत भूमि अधिग्रहण प्राधिकरण को 89 करोड़ रुपए का अपना हिस्सा दे दिया है। राशि प्राप्त होने से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया में तेजी आएगी और तीसरी और चौथी रेल लाइन का काम शुरू होने से अंबरनाथ, बदलापुर जैसे शहरों में रेल यात्रियों के लिए राहत भरी होगी।
गौरतलब है कि वर्तमान में मुंबई से ठाणे और कल्याण के लिए छह लाइन उपलब्ध हैं। वही कल्याण से कर्जत की ओर केवल 2 पटरी अर्थात दो लाइन ही है। इस वजह से कल्याण स्टेशन से लोकल मेल-एक्सप्रेस सेवा अक्सर प्रभावित होती रहती है। साथ ही, यात्रियों की बढ़ी हुई संख्या के लिए अधिक फेरों की आवश्यकता होने पर भी उन्हें बढ़ाया नहीं जा सकता है। इसलिए मुंबई रेलवे विकास कॉर्पोरेशन लिमिटेड के माध्यम से मुंबई शहरी परिवहन परियोजना 3ए शुरू की गई है। इस रूट के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पिछले साल शुरू की गई थी। उल्हासनगर के उप विभागीय अधिकारी (एसडीओ) कार्यालय ने इसके लिए जमीन धारको को नोटिस जारी की थी।
हालांकि, कल्याण से अंबरनाथ स्टेशन के बीच इन दो नई लाइनों के लिए भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता नहीं थी। लेकिन अंबरनाथ से बदलापुर स्टेशनों के बीच जमीन की आवश्यकता थी। रेल प्रशासन द्वारा कराए गए सर्वे के बाद छह हेक्टेयर यानी 62 हजार 290 वर्ग मीटर का रकबा निर्धारित किया गया है। यह क्षेत्र बदलापुर और अंबरनाथ नगरपालिका क्षेत्रों में स्थित हैं जो अंबरनाथ तालुका के अंतर्गत आते है। इसमें बदलापुर नगर पालिका क्षेत्र के बेलवली, कात्रप, कुलगांव और अंबरनाथ नगर पालिका क्षेत्र के खुंटवली, मोरीवली और चिखलोली की निजी और शासकीय भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। भारत सरकार द्वारा इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है और इसके माध्यम से भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में ली जाने वाली भूमि का विवरण सार्वजनिक कर दिया गया है। इसलिए संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी और टेंडर घोषित कर दिए जाएंगे।
हालांकि, इसके लिए आवश्यक धनराशि राज्य सरकार द्वारा प्रदान नहीं की गई थी। इसके चलते भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया ठप पड़ी थी। इसलिए इसके लिए राशि उपलब्ध कराने की मांग की गई थी। अंतत: राज्य सरकार की ओर से हाल ही में इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए आवश्यक लगभग 89 करोड़ रुपए की राशि उप विभागीय अधिकारी कार्यालय को राज्य सरकार दे दी है।
इस संदर्भ में स्थानीय पत्रकारों को क्षेत्रीय उप विभागीय अधिकारी जयराज कारभारी ने बताया कि प्रस्तावित तीसरी और चौथी रेल लाइन के लिए आवश्यक भूसंपादन के लिए राज्य सरकार से लगभग 134 करोड़ अपेक्षित है। उसमें 89 करोड़ की राशि राज्य सरकार ने 31 मार्च को प्रदान कर दी है।