
Thane News: महाराष्ट्र नगर निकाय चुनावों की सरगर्मी के बीच ठाणे की राजनीति से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेहद करीबी और ठाणे के सांसद नरेश म्हस्के ने स्पष्ट किया है कि आगामी ठाणे नगर निगम (TMC) चुनाव में उनके बेटे आशुतोष को टिकट न मिलने से वे बिल्कुल भी नाराज नहीं हैं।
सांसद नरेश म्हस्के ने फेसबुक पर एक भावनात्मक पोस्ट साझा करते हुए अपने समर्थकों और जनता के बीच चल रही अटकलों पर विराम लगा दिया। उन्होंने कहा कि पार्टी प्रमुख एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में लिए गए फैसलों पर कभी सवाल नहीं उठाया है और उनका परिवार पूरी प्रतिबद्धता के साथ शिवसेना के लिए काम करता रहेगा। म्हस्के ने बताया कि आशुतोष ने किसी पद के लालच में नहीं, बल्कि एक निष्ठावान शिवसैनिक के रूप में लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए चुपचाप काम किया है। उन्होंने स्वीकार किया कि जिस क्षेत्र में उन्होंने खुद सेवा की, वहां की जनता चाहती थी कि आशुतोष उनका प्रतिनिधित्व करे, इसलिए लोगों की निराशा स्वाभाविक है। लेकिन पद आते-जाते रहते हैं, पार्टी के प्रति निष्ठा अडिग रहेगी।
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एक तरफ जहाँ सांसद म्हस्के ‘पार्टी फर्स्ट’ की बात कर रहे हैं, वहीं ठाणे शिवसेना के जमीनी स्तर पर असंतोष गहराता दिख रहा है।
येऊर में इस्तीफा: मंगलवार को ठाणे के येऊर क्षेत्र के शिवसेना पदाधिकारियों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया। उनका आरोप है कि पार्टी ने स्थानीय उम्मीदवारों की अनदेखी की है।
नेताओं की दूरी: टिकट न मिलने के कारण युवा नेता स्वप्निल लांडगे और निखिल बुड़जाडे पहले ही पार्टी से दूरी बना चुके हैं, जो चुनाव से पहले शिंदे गुट के लिए चिंता का विषय है।
137 सदस्यीय ठाणे नगर निगम के लिए 15 जनवरी को मतदान होना है। महायुति की सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मंगलवार रात अपने 40 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। नामांकन की प्रक्रिया समाप्त होने के बावजूद शिवसेना ने अभी तक अपनी आधिकारिक सूची सार्वजनिक नहीं की है, जिसे आंतरिक कलह को शांत करने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
आपको बता दें कि ठाणे उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गढ़ माना जाता है, ऐसे में उम्मीदवारों के चयन को लेकर मची यह खींचतान आगामी चुनावों के नतीजों पर बड़ा प्रभाव डाल सकती है।






