डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे व सीएम देवेंद्र फडणवीस (डिजाइन फोटो)
Deputy CM Eknath Shinde On CM Fadnavis Advertisements: महाराष्ट्र की महायुति सरकार में शामिल तीन प्रमुख पार्टियों के बीच मनमुटाव की खबरें बार-बार आती रहती है। तीनों में अपना वर्चस्व दिखाने की होड़ लगी रहती है। महाराष्ट्र में निकाय चुनाव होने है इससे पहले सभी पार्टियां अपनी स्थिति मजबूत करने में जुटी है। कुछ अखबारों में छपे विज्ञापनों के बाद मनमुटाव का मुद्दा एक बार छाया हुआ है। इस पर राज्य के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने प्रतिक्रिया भी दी है।
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि महायुति के सहयोगियों में एक-दूसरे का श्रेय लेने की कोई होड़ नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि वह मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ एक टीम की तरह काम कर रहे हैं।
दरअसल एकनाथ शिंदे का ये बयान उस वक्त आया जब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के फुल-पेज विज्ञापन प्रमुख अखबारों में छपे। इस बयान से महायुति सब ठीक होने के संकेत भी दिए गए।
एक विज्ञापन में मुख्यमंत्री फडणवीस छत्रपति शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि देते हुए दिखाई दे रहे हैं, जबकि दूसरे में उन्हें दस दिवसीय गणेश उत्सव के अंतिम दिन, अनंत चतुर्दशी के अवसर पर भगवान गणेश की पूजा करते हुए दिखाया गया है। दोनों विज्ञापनों के नीचे मराठी में ‘देवभाऊ’ लिखा है।
हालांकि, यह पता नहीं चल पाया है कि इन विज्ञापनों को किसने प्रायोजित किया था। ठाणे में एक सार्वजनिक समारोह के दौरान, पत्रकारों ने डिप्टी सीएम शिंदे से पूछा कि क्या ये विज्ञापन मुख्यमंत्री फडणवीस द्वारा खुद को मराठा आरक्षण के निर्माता के रूप में पेश करने का प्रयास हैं।
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इसका जवाब देते हुए शिंदे ने कहा कि हम श्रेय लेने की होड़ में नहीं हैं। चाहे वह मराठा समुदाय हो या फिर अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) समुदाय। महायुति सरकार ने उन्हें न्याय दिलाने का काम किया है। इस काम की पुष्टि पिछले विधानसभा चुनाव में ही हो गई थी। शिंदे ने आगे कहा कि अब देवेंद्र जी और मैंने एक टीम के रूप में दूसरी पारी शुरू की है। हम इसी उद्देश्य के साथ आगे बढ़ रहे हैं। हमारा लक्ष्य राज्य का विकास और गरीबों व ज़रूरतमंदों की मदद करना है।
बता दें कि मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने अपनी मांगों को लेकर मुंबई में पांच दिनों की भूख हड़ताल की। इससे यह मुद्दा राज्य में फिर से सुर्खियों में है। जरांगे ने 29 अगस्त को यह धरना शुरू किया था और राज्य सरकार द्वारा उनकी अधिकांश मांगें मान लेने के बाद 2 सितंबर को इसे समाप्त कर दिया।
गतिरोध समाप्त होने के बाद, मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि सरकार ने मराठा समुदाय के हित में एक समाधान खोज लिया है। सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन में भाजपा, शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) शामिल हैं।