भिवंडी महानगरपालिका (pic credit; social media)
Bhiwandi Municipal Corporation: करीब 3 वर्षों के बाद 15 जनवरी को होने जा रहे भिवंडी निजामपुर शहर महानगर पालिका आम चुनाव में राष्ट्रीय दल अपने चयनित प्रत्याशियों की घोषणा करने की हिम्मत नहीं कर पा रहे हैं।
सभी राजनीतिक दलों में प्रत्याशियों की लंबी क़तार लगने से बगावत का डर सता रहा है। स्थानीय कार्यकर्ता चुनाव में उम्मीदवारी की दावेदारी कर रहे हैं, लेकिन स्थानीय नेता, चुनाव प्रभारी सिर्फ आश्वासन देकर शांत कर रहे हैं।
भिवंडी मनपा चुनाव में सर्वाधिक चुनौती भाजपा, कांग्रेस और समाजवादी, शिवसेना पार्टी में है। सूत्रों की मानें तो चुनाव लड़ने के इच्छुक संभावित तमाम राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता सहित दलबदलू और नए कार्यकर्ता कभी भी बगावत का बिगुल बजाने के लिए तैयार हैं।
जिलाध्यक्ष एड रशीद भाजपा विधायक महेश चौगुले और समाजवादी पार्टी विधायक रईस शेख कांग्रेस ताहिर मोमिन आगामी मनषा चुनाव में अपनी ताकत दिखा रहे है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है। तीनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के बीच अपनों को मजबूती से संभालने की भरसक कोशिश कर रहे है।
समाजवादी पार्टी भिवंडी पूर्व और भाजपा भिवंडी पश्चिम में अपना चुनाव गणित बनाने में जुटी हुई है। दोनों पार्टियों के विधायक टिकट बाटने की कवायद में जुटे हैं लेकिन कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी फैल रही है।
ये भी पढ़ें :- Thane MNC Election में उत्तर भारतीय कार्यकर्ताओं की नाराजगी, दलों की अग्निपरीक्षा
राजनीति जानकारों की मानें तो, सभी राजनीतिक पार्टियों के टिकट वितरण के बाद जो बगावत सामने आएगी, उसका फायदा चुनाव लड़ने वाली छोटी पार्टियों को मिलेगा, भिवंडी के पूर्व महापौर जावेद दलवी और कोणार्क विकास आघाती मुखिया 2 बार महापौर पद सुशोभित करने वाले विलास आर पाटिल फिर से चुनावी माहौल में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराते हुए इतिहास दोहराने का प्रयास कर रहे है।