
भिवंडी महानगरपालिका (pic credit; social media)
Bhiwandi Municipal Corporation Election: भिवंडी मनपा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे ही सपा के दो शीर्ष नेताओं में वर्चस्व की लड़ाई सामने आने लगी है।
सपा प्रदेशाध्यक्ष विधायक अबू आसिम आजमी और भिवंडी से सपा विधायक रईस कासम शेख के बीच भिवंडी में कौन बड़ा ? की लड़ाई तेज हो चुकी है।
विधायक रईस शेख द्वारा चयनित सपा उम्मीदवारों को नकार कर विधायक अबू आसिम आजमी ने सपा पार्टी पर एकमेव अपना प्रभुत्व, वर्चस्व दिखा दिया है, जिसकी चर्चा समूचे शहर में फैली है। मनपा चुनाव के एन मौके पर सपा शीर्ष नेताओं की वर्चस्व को लेकर शुरू हुई टकराहट से सपा वरिष्ठ नेताओं सहित कार्यकताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया है।
गौरतलब हो कि, भिवंडी निजामपुर शहर महानगरपालिका आम चुनाव 2025 के लिए 2 दिन सभी राजनीतिक दलों के लिए बगावती साबित होंगे, इसकी शुरुआत समाजवादी पार्टी में हो गई है। सपा अन्य दलों की अपेक्षा मनपा चुनाव महासंग्राम में बेहद मजबूत दिख रही थी। भिवंडी (पूर्व) के विधायक रईस शेख के जनहित कार्य को देखते हुए कांग्रेस के पूर्व नगरसेवक, नेता और कार्यकर्ता समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे।
विधायक के चहेतों को टिकट देने से आजमी ने नकारा आश्वर्यजनक है कि, समाजवादी पार्टी महाराष्ट्र प्रदेश सर्वेसर्वा विधायक अबू आसिम आजमी और उनके समर्थक नेता पार्टी में बाहरी लोगों को टिकट देने से परहेज कर रहे थे, विधायक अबू आसिम आजमी कई बार पार्टी कार्यक्रम में उक्त मुद्दे पर अपना विचार प्रकट कर नाराजगी जाहिर कर चुके है।
लोगों का कहना है कि, भिवंडी में मुस्लिम बहुल इलाके में समाजवादी पार्टी की लोकप्रियता को देखते हुए पूर्व कांग्रेसी नगरसेवक, नेता, कार्यकर्ता सपा में शामिल हुए थे। समाजवादी पार्टी के टिकट आवंटन के लिए अजय यादव के नेतृत्व में शामिल सभी सपा नेता सीधे अबू आसिम आजमी से जुड़े हैं।
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केवल नाम के लिए स्थानीय विधायक के रूप रईस शेख तो शामिल किया गया है। विधायक रईस शेखा द्वारा दिए गए उम्मीदवार पूर्व कांग्रेसी नगरसेवक, कार्यकर्ता को सपा सेलेक्शन कमेटी ने सीधा नकार दिया जो सीधा बगावत की शक्ल अरिजयार कर चुका है।
भिवंडी से नवभारत लाइव के लिए गुरुप्रसाद सिंह की रिपोर्ट






