
पुणे में हवा हुई प्रदूषित (सोर्स: सोशल मीडिया)
Pune Air Pollution: पुणे और पिंपरी-चिंचवड में वायु प्रदूषण अब गंभीर स्वास्थ्य संकट का रूप लेता दिख रहा है। शहर के प्रमुख आईटी कॉरिडोर माने जाने वाले हिंजवड़ी और वाकड इलाकों में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, इन क्षेत्रों में AQI 300 से ऊपर दर्ज किया गया, जो ‘रेड जोन’ की श्रेणी में आता है। वाकड के भूमकरनगर इलाके में रविवार को AQI 314 रिकॉर्ड किया गया, जबकि पिछले तीन दिनों से लगातार यहां हवा की गुणवत्ता बेहद खराब बनी हुई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्तर की हवा में लंबे समय तक सांस लेने से दमा, एलर्जी और फेफड़ों से जुड़ी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, यहां तक कि स्वस्थ लोगों पर भी इसका सीधा असर पड़ सकता है।
स्थानीय नागरिकों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं का आरोप है कि अनियंत्रित निर्माण कार्य, खुले में उड़ती धूल और नियमों की अनदेखी ने हालात और बिगाड़ दिए हैं। लोगों की मांग है कि नगर निगम निर्माण स्थलों पर डस्ट कंट्रोल नियमों को सख्ती से लागू करे और प्रदूषण फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
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इसी बीच मौसम ने भी लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। महाराष्ट्र में इस सर्दी का सबसे लंबा ठंडा दौर जारी है। मौसम विभाग के अनुसार, पिछले 22 दिनों से शीतलहर बनी हुई है।
पुणे के शिवाजीनगर इलाके में सोमवार को न्यूनतम तापमान 9.8 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया, जिससे ठंड और प्रदूषण का संयुक्त असर लोगों की सेहत पर साफ दिखाई दे रहा है। डॉक्टरों ने बच्चों, बुजुर्गों और सांस के मरीजों को सुबह-शाम बाहर निकलने से बचने और मास्क का उपयोग करने की सलाह दी है।






