अंबरनाथ नगर परिषद (pic credit; social media)
Ambernath Municipality President: अंबरनाथ और बदलापुर नगर पालिकाओं में अब महिलाओं का दबदबा तय हो गया है। मंत्रालय में सोमवार को निकली लॉटरी ने राजनीति का समीकरण ही पलट दिया। दोनों नगर पालिकाओं के अध्यक्ष पद इस बार महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं। अंबरनाथ में सामान्य वर्ग की महिला तो बदलापुर में ओबीसी वर्ग की महिला अध्यक्ष बनेगी।
लॉटरी के नतीजे जैसे ही घोषित हुए, वैसे ही दोनों शहरों की राजनीति में हलचल मच गई। लंबे समय से नपा की कुर्सी पर नजरें गड़ाए बैठे दिग्गज नेताओं के अरमानों पर ताला लग गया। शिवसेना, भाजपा, कांग्रेस और एनसीपी से जुड़े कई नाम जो खुद को अध्यक्ष की रेस में आगे मान रहे थे, अब साइडलाइन हो गए हैं।
अंबरनाथ में शिवसेना के अरविंद वालेकर और मनीषा वालेकर, भाजपा के अभिजीत करंजुले पाटिल, कांग्रेस के प्रदीप पाटिल और एनसीपी के सदाशिव पाटिल जैसे नाम चर्चा में थे। मगर अब तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टियां अपने महिला उम्मीदवारों पर दांव किसे लगाती हैं।
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वहीं कुलगांव-बदलापुर नगर परिषद की कुर्सी भी अब महिलाओं के लिए तय हो गई है। यहां शिवसेना के वामन म्हात्रे और भाजपा के राजेंद्र घोरपड़े जैसे नेता अब केवल दर्शक बन गए हैं।
2015 में हुए नपा चुनावों में अंबरनाथ में शिवसेना की प्रज्ञा बनसोडे और मनीषा वालेकर ने बारी-बारी से अध्यक्ष पद संभाला था। इस बार भी महिलाओं के लिए आरक्षण तय होने से शहर में ‘महिला शक्ति’ की वापसी तय मानी जा रही है।
गौरतलब है कि दोनों नगरपालिकाओं का कार्यकाल मई 2020 में पूरा हो चुका है, लेकिन कोरोना और ओबीसी आरक्षण के कारण चुनाव अब तक टलते रहे। अब जबकि आरक्षण तय हो चुका है, तो चुनावी बिसात सजने लगी है।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि ये नपा चुनाव किसी मिनी विधानसभा से कम नहीं होंगे। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि महिला शक्ति में से कौन इस बार शहर की बागडोर संभालेगी और कौन सिर्फ पोस्टर तक सीमित रह जाएगी।