भीमा नदी में बाढ़ जैसी स्थिति। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
सोलापूर: वीर नदी घाटी में भारी बारिश के कारण नीरा नदी में बाढ़ आ गई है। चूंकि इस नीरा नदी का पानी भीमा नदी में बहता है, इसलिए भीमा नदी में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। इस बीच, भीमा नदी बेसिन में पिराची कुरोली, गुरसले, पंढरपुर, गोपालपुर, मुंधेवाड़ी, पुलुज के बांध पानी में डूब गए हैं, जबकि गुरसले में भीमा नदी बेसिन में स्थित महादेव मंदिर में 3 पुजारी फंस गए हैं।
आपदा प्रबंधन टीम को जैसे ही इसकी सूचना मिली, टीम ने बचाव कार्य शुरू कर दिया और तीनों पुजारियों को बाहर निकालने में सफल रही। इन पुजारियों के नाम सुभाष धवन, विट्ठल लोहकरे और जाधव पुजारी हैं।
सोमवार 26 मई को तीनों महाराज सुबह पूजा के लिए मंदिर गए थे। लेकिन तभी पानी बढ़ गया। मंदिर पानी से घिर गया। इस वजह से तीनों महाराज मंदिर में फंस गए। इसके बाद उन्होंने गांव वालों से मदद मांगी। इसके बाद गांव वालों ने पंढरपुर तहसीलदार और आपदा प्रबंधन विभाग से संपर्क किया। आपदा प्रबंधन विभाग ने लाइफबोट की मदद से महाराज को बाहर निकाला।
नीरा और भीमा क्षेत्र में भारी बारिश के कारण पत्थर पुल पर इस समय 35 से 40 हजार क्यूसेक पानी बह रहा है। श्रद्धालुओं को नदी में स्नान करने और जान जोखिम में डालने से रोकने के लिए नदी किनारे बैरिकेड्स लगाए गए हैं। श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे गहरे पानी में स्नान करने न जाएं।
इसके लिए प्रशासक तथा उपविभागीय अधिकारी सचिन इथापे तथा मुख्य अधिकारी डॉ. प्रशांत जाधव के मार्गदर्शन में पंढरपुर नगर परिषद तथा पुलिस व्यवस्था को अलर्ट पर रखा गया है। साथ ही नगर पालिका के दमकल कर्मी पत्थर पुल के पास तथा नदी के किनारे नाव से गश्त कर रहे हैं।
इस समय पंढरपुर नगर परिषद के उपमुख्य अधिकारी एडवोकेट सुनील वालुजकर, सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता हरसुरे, अग्निशमन अधिकारी संभाजी कार्ले, स्वास्थ्य अधिकारी तोडकर, अग्निशमन विभाग और पुलिस कर्मियों ने काम शुरू कर दिया है। साथ ही, पास की व्यास नारायण झोपड़पट्टी और अंबाबाई पाटणगण झोपड़पट्टी के नागरिकों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।
तो वहीं पिछले चार-पांच दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण नीरा नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। मालशिरस तालुका में कोल्हापुरी शैली के बांध पानी में डूब गए हैं। प्रशासन ने नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की है।
साथ ही, रात में मालशिरस, मालीनगर तालुका में नीरा नदी के किनारे बसे घरों में नदी का पानी घुस गया और नागरिकों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। गणेशगांव जिले में कोल्हापुरी शैली का बांध पानी में डूब गया है और सोलापुर जिले के मालीनगर के पूर्वी हिस्से के गांवों का संपर्क टूट गया है।