सोलापुर विश्वविद्यालय के 21वें दीक्षांत समारोह (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Solapur News: पुण्यश्लोक अहिल्यादेवी होल्कर, सोलापुर विश्वविद्यालय के 21वें दीक्षांत समारोह में, महाराष्ट्र के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने विद्यार्थियों से राष्ट्र के गौरव के लिए ज्ञान का उपयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि ज्ञान सबसे बड़ी संपत्ति है। 18 तारीख को विश्वविद्यालय प्रांगण में दीक्षांत समारोह उत्साहपूर्वक आयोजित किया गया। इस अवसर पर 11 हज़ार विद्यार्थियों को उपाधियाँ प्रदान की गईं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. डॉ. प्रकाश महानवर ने की। गोवा उच्च शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष डॉ. गोपाल मुगेरया भी उपस्थित थे। समारोह की शुरुआत दीक्षांत समारोह के साथ हुई। इसमें परीक्षा एवं मूल्यांकन मंडल के निदेशक डॉ. श्रीकांत अंधारे, विभिन्न संकायों के सदस्य और बड़ी संख्या में उपाधि प्राप्त छात्र शामिल हुए। कार्यक्रम में ए. श्रीकांत भारतीय, भाजपा नगर अध्यक्ष प्रो. रोहिणी तडावलकर, प्रबंधन परिषद सदस्य राजाभाऊ सर्वदे, प्रो. देवानंद चिलवंत, प्रो. सचिन गायकवाड़, पूर्व कुलपति इरेश स्वामी सहित बड़ी संख्या में अधिकारी, कर्मचारी, छात्र, नागरिक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. यशपाल खेडकर और डॉ. तेजस्विनी कांबले ने किया।
शिक्षा जीवन बदलती है। गोवा उच्च शिक्षा परिषद के उपाध्यक्ष डॉ. गोपाल मुगेरया ने कहा कि इसी के माध्यम से प्रगति हासिल की जा सकती है। उन्होंने छात्रों से कौशल और व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करके नौकरी देने वाले बनने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि देश में 33 साल बाद नई शिक्षा नीति लागू की गई है।
कुलपति डॉ. प्रकाश महांवर ने सोलापुर विश्वविद्यालय के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय पारंपरिक शिक्षा के साथ-साथ कुशल और पेशेवर शिक्षक प्रदान करके एक रोज़गार-योग्य पीढ़ी का निर्माण कर रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने डेढ़ लाख पेड़ लगाए हैं और पाँच लाख पेड़ लगाने का संकल्प लिया है। उन्होंने समाज और शिक्षा क्षेत्र के बीच संबंधों को मज़बूत करने के लिए कुछ गाँवों को गोद भी लिया है।
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दीक्षांत समारोह में कुल 10,955 विद्यार्थियों को उपाधियाँ प्रदान की गईं। इनमें से 89 शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधियाँ और 59 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए।