प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
सिंधुदुर्ग: कोंकण के लोगों को रेलवे ने बड़ी खुशखबरी दी है। अब यहां ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों की राह आसान हो जाएगी। मध्य रेलवे ने निलंबित दादर-रत्नागिरी और दादर-सावंतवाड़ी यात्री ट्रेनों को फिर से शुरू करने की तत्परता व्यक्त की है। होली की पूर्व संध्या पर इन ट्रेनों को पुनः शुरू किया जाएगा। रेलवे के इस फैसले से कोंकण के लोगों को राहत मिली है।
शिवसेना (यूबीटी) के पूर्व सांसद विनायक राउत ने चेतावनी दी थी कि यदि 1 मार्च तक ट्रेनें शुरू नहीं हुईं तो दादर स्टेशन पर ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन शुरू किया जाएगा। विनायक राउत की चेतावनी के बाद रेलवे प्रशासन ने आखिरकार दादर-रत्नागिरी और दादर-सावंतवाड़ी पैसेंजर ट्रेनों को फिर से शुरू करने का निर्णय किया है।
होली बस कुछ ही दिन दूर है और इस पृष्ठभूमि में दादर-रत्नागिरी और दादर-सावंतवाड़ी यात्री ट्रेनों को फिर से शुरू करने का निर्णय कोंकण के लोगों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है। शिमगा कोंकण के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है और इस दौरान मुंबई और कोंकण के अन्य स्थानों से बड़ी संख्या में लोग यहां आते हैं।
कोरोना काल में देश में कई ट्रेनों को बंद कर दिया गया था। इसमें इन यात्री ट्रेनों का संचालन भी बंद हो गया था। इसके बाद से अब तक यह ट्रेनें फिर से शुरू नहीं हो पाई थी। चूंकि ये ट्रेनें पिछले कुछ वर्षों से बंद हैं, इसलिए यात्रियों को निजी परिवहन, एसटी बसों या अन्य महंगे विकल्पों पर निर्भर रहना पड़ता है। इस बीच, कोंकण जाने वाले यात्री अब राहत की सांस ले सकते हैं क्योंकि रेलवे प्रशासन ने इन ट्रेनों को फिर से शुरू करने का फैसला किया है।
होली को ही स्थानीय भाषा में शिमगा कहा जाता है। दरअसल गोवा के साथ-साथ महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में होलिका दहन के 5 दिन बाद यानी रंगपंचमी के दिन यह उत्सव मनाया जाता है। जिसे स्थानीय भाषा में शिमिगो, शिमगो या शिमगा के नाम से जाना जाता है। हालांकि इसकी शुरुआत होलिका दहन के दिन से ही शुरू हो जाती है।
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यह त्योहार मछुआरा समुदाय के बीच काफी लोकप्रिय है। गाेवा और महाराष्ट्र का कोंकण तटीय इलाका होने के कारण इस क्षेत्र में शिमगा उत्सव का खास महत्व है। इस उत्सव में रंग खेलने के अलावा, नाच-गाना, लोगों की आवभगत की जाती है।