पुणे में आदित्य ठाकरे के लगे पोस्टर (pic credit, ANI)
Maharashtra News: चंद्रपुर में कुछ दिनों पहले शिवसेना (UBT) सांसद संजय राउत के खिलाफ विवादित पोस्टर लगे थे। जिसमें वे जिला प्रमुख का पद 10 से 25 लाख में बेच रहे थे। इस मामले से राजनीति महौल गर्मा गया था। इस मुद्दे ने सियासी हलचल तेज कर दी थी। यह मामला थमा ही नहीं था कि पुणे में अब शिदें गुट की शिवसेना ने आदित्य ठाकरे को लेकर वंशवाद और घोटालों को लेकर पोस्टर लगाए हैं। यह पोस्टर आदित्य ठाकरे के विधानसभा में दिए बयान के बाद लगाए गए हैं।
पुणे में शिवसेना (शिंदे गुट) ने शनिवार (19 जुलाई) को आदित्य ठाकरे और उद्धव ठाकरे गुट के खिलाफ पोस्टर लगाए। जिनमें वंशवाद और घोटालों को लेकर तंज कसे गए हैं। ये पोस्टर आदित्य ठाकरे द्वारा विधानसभा में डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पर निशाना साधने के कुछ दिन बाद लगाए गए हैं।
बता दें कि शिंदे गुट की ओर से जारी पोस्टर में मीठी नदी घोटाले का हवाला दिया गया है। आदित्य को कार्टून के रूप में दिखाते हुए लिखा गया है कि यह बैटरी जल्द डिस्चार्ज हो जाएगी। यह वंशवाद से चलती है। पोस्टर पुणे के प्रमुख चौकों और सार्वजनिक स्थानों पर लगाए गए।
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न्यूज एजेंसी एएनआई से मिली जानकारी के अनुसार, इनमें मीठी नदी घोटाले का भी जिक्र करते हुए लिखा गया है कि गिनते रहो… कितने जेल जाएंगे। ये पोस्टर शिवसेना पुणे शहर प्रमुख प्रमोद (नाना) भांगिरे द्वारा लगाए गए है। शिंदे गुट ने इसे आदित्य के बयानों का जवाब बताया।
#WATCH | Maharashtra: Hoardings by Eknath Shinde-led Shiv Sena, targetting Shiv Sena (UBT) leader Aaditya Thackeray seen in Pune days after his remarks on Deputy CM Eknath Shinde over the split in party. pic.twitter.com/y5S6NkG3lR
— ANI (@ANI) July 19, 2025
विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान आदित्य ठाकरे ने बिना नाम लिए शिंदे को “गद्दार” और “बेशर्म” बताया था। उन्होंने आरोप लगाया कि शिंदे ने अपने ही नेता उद्धव ठाकरे से विश्वासघात किया। इस दौरान विपक्ष के नेता भास्कर जाधव ने भी अध्यक्ष राहुल नार्वेकर पर पक्षपात का आरोप लगाया था। इन आरोप-प्रत्यारोपों का असर अब सड़कों पर भी देखने को मिल रहा है, जिससे स्पष्ट है कि आगामी नगर निकाय चुनावों से पहले दोनों गुटों के बीच सियासी टकराव और तेज हो गया है।
इसी बीच महाराष्ट्र सरकार द्वारा इस्लामपुर का नाम बदलकर ईश्वरपुर करने के फैसले पर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस विधायक असलम शेख ने कहा कि सरकार का ध्यान शहर की बुनियादी सुविधाओं की बजाय नाम बदलने पर है।
शिवसेना (UBT) के अंबादास दानवे ने आरोप लगाया कि यह सरकार सिर्फ जातिवाद और टकराव को बढ़ावा दे रही है। एनसीपी नेता जयंत पाटिल ने भी कहा कि इस नाम परिवर्तन की मांग बहुत सीमित लोगों की थी।