‘चड्डी-बनियान गैंग’ तंज पर विधानसभा में घमासान (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Monsoon Session: महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार को उस वक्त गरमा गया जब विपक्ष के नेता आदित्य ठाकरे ने सत्ता पक्ष को “चड्डी-बनियान गैंग” कहकर सीधा निशाना साधा। जैसे ही आदित्य ठाकरे ने यह तंज कसा, शिंदे गुट में बैठे विधायक भड़क उठे। सबसे तीखी प्रतिक्रिया आई निलेश राणे की जिन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि “अगर हिम्मत है तो नाम लेकर बोलो! डर लगता है तो ऐसी भाषा का इस्तेमाल मत करो!”
आदित्य ठाकरे ने अपनी बात में कहा “यह कानून-व्यवस्था का सवाल है। मुझे मुख्यमंत्री से सहानुभूति है, उन्हें गठबंधन धर्म निभाना पड़ता है। इसलिए मैं उन्हें बधाई देता हूं कि उनके साथ बैठे लोग ‘चड्डी-बनियान गैंग’ के सदस्य हैं। ये लोग कहीं भी जाकर मारपीट करते हैं, कुछ भी करते हैं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती। मुख्यमंत्री कहते हैं पूरी गलती मेरी नहीं है।”
आदित्य के इस बयान ने सत्ता पक्ष को पूरी तरह तिलमिला दिया। आदित्य ठाकरे का यह हमला अप्रत्यक्ष तौर पर शिंदे गुट के विधायक संजय गायकवाड़ पर था, जिन पर आरोप है कि उन्होंने विधायक निवास में बनियान पहने कर्मचारी से मारपीट की थी। उसी घटना पर चुटकी लेते हुए आदित्य बोले, “ये लोग ‘चड्डी-बनियान गैंग’ हैं जो कहीं भी जाकर हाथ साफ कर देते हैं!” निलेश राणे का पलटवार “कौन है चड्डी, कौन बनियान साफ बताओ!”
चड्डी बनियन गँगवर कठोर कारवाई करून शासन काय असतं, जनतेसाठी कसं चालतं हे मुख्यमंत्र्यांनी दाखवणं जास्त गरजेचं आहे. pic.twitter.com/Eu4WuG26Er
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) July 14, 2025
इस टिप्पणी से बौखलाए निलेश राणे ने तत्काल खड़े होकर करारा जवाब दिया “ये शब्द किसके लिए कहे गए हैं, साफ बताओ। कौन है चड्डी, कौन है बनियान? अगर नाम लेने की हिम्मत नहीं है तो ऐसी भाषा मत इस्तेमाल करो। हम एक घंटे से सुन रहे हैं, चुप थे। लेकिन अब यह बर्दाश्त नहीं होगा। इन शब्दों को सदन की कार्यवाही से हटाओ या फिर बताओ ये किसके लिए थे।”
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राणे की इस चुनौती ने सदन में सन्नाटा भी पैदा कर दिया और सत्ता पक्ष ने एक सुर में आदित्य ठाकरे के शब्दों का विरोध किया। सत्ता पक्ष के कई विधायकों ने स्पीकर से अपील की कि “चड्डी-बनियान गैंग” जैसे अपमानजनक शब्दों को सदन की कार्यवाही से हटाया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष सिर्फ व्यक्तिगत हमले कर रहा है और मुद्दों से भाग रहा है।
पूरे घटनाक्रम के दौरान विधानसभा का माहौल बेहद गरम रहा। विपक्ष सत्ता पक्ष पर हमलावर था तो सत्ताधारी विधायक भी पूरी तैयारी से पलटवार कर रहे थे। कई बार हंगामा इतना बढ़ा कि अध्यक्ष को हस्तक्षेप करना पड़ा।
महाराष्ट्र विधानसभा का मानसून सत्र इस बार सिर्फ नीतियों और विकास के मुद्दों तक सीमित नहीं रहा। व्यक्तिगत हमलों, तीखे तंज और कटाक्षों ने माहौल पूरी तरह सियासी रणक्षेत्र में बदल दिया है। सत्ता और विपक्ष के बीच यह जुबानी जंग आने वाले दिनों में और तेज होने की संभावना है।