शिंदे गुट नेता संजय निरुपम (pic credit; social media)
मुंबई: 5 जुलाई को मुंबई में उद्धव और राज ठाकरे मराठी विजय दिवस रैली निकालेंगे। इस रैली पर सभी की नजरें टिकी हुई है। इसमें उद्धव और राज ठाकरे मंच शेयर करते दिखाई देंगे। अब इसे लेकर एकनाथ शिंदे गुट के नेता संजय निरुपम ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने दावा किया कि उनका ये कार्यक्रम सिर्फ BMC चुनाव के लिए है। इलेक्शन के बाद वो मराठी भाषा का मुद्दा भूल जाएंगे।
शिवसेना नेता संजय निरुपम ने बालासाहेब ठाकरे का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, बालासाहेब ठाकरे खुद हिंदी प्रेमी थे। हिंदी सामना अखबार शुरुआत की। मुझे कार्यकारी संपादक बनाया था। बालासाहेब ठाकरे मराठीवादी थे लेकिन हिंदी विरोधी नहीं थे। मुझसे हिंदी के शब्द के बारे में पूछकर सीखते थे।
अकेले नहीं लड़ सकते इसलिए राज ठाकरे का लिया साथ
संजय निरुपम ने उद्धव ठाकरे पर हमला बोलते हुए कहा कि मराठी के मुद्दे पर उद्धव ठाकरे कहीं पीछे न छूट जाएं इसलिए राज ठाकरे साथ आ रहे हैं। चुनाव में दोनों पार्टियों की हालत खराब हुई इसलिए दोनों साथ आ रहे हैं। त्रिभाषा नीति पर सरकार ने GR वापस लिया है तो अब किस बात का जल्लोष हो रहा है। गरीब को थप्पड़ मारकर वोट नहीं मिलता। किसी भी व्यक्ति की गरिमा का सम्मान होना चाहिए।
20 साल बाद सियासी मंच पर ठाकरे ब्रदर्स
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (UBT) और राज ठाकरे की अगुवाई वाली MNS ने मंगलवार को वर्ली स्थित एनएससीआई डोम में आयोजित होने वाले ‘मराठी विजय दिवस’ समारोह के लिए संयुक्त सार्वजनिक निमंत्रण जारी किया था। इस निमंत्रण में पार्टी का कोई चिन्ह या झंडा नहीं है। करीब 20 साल बाद किसी सियासी मंच पर ठाकरे ब्रदर्स एक साथ नजर आएंगे।
हिंदी भाषा विवाद
महाराष्ट्र के स्कूलों में क्लास एक से हिंदी भाषा की पढ़ाई अनिवार्य करने को लेकर विरोध के बीच मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार (29 जून) को त्रिभाषा नीति से संबंधित दो जीआर (सरकारी प्रस्ताव) वापस लेने का ऐलान किया था। राज ठाकरे की पार्टी मनसे और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) ने हिंदी भाषा को थोपे जाने का आरोप लगाते हुए विरोध मार्च का आह्वान किया था।