निर्दलीय सांसद विशाल पाटिल और उद्धव ठाकरे (फोटो: ANI)
मुंबई. लोकसभा चुनाव में सांगली सीट पर महाविकास आघाड़ी (एमवीए) के खिलाफ बगावत का बिगुल बजानेवाले विशाल पाटिल एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री एवं शिवसेना (उद्धव गुट) के पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे को ललकारने को तत्पर नजर आ रहे हैं। सांगली सीट पर उद्धव के उम्मीदवार चंद्रहार पाटिल के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़कर जीतने के बाद कांग्रेस को समर्थन देनेवाले सांसद विशाल पाटिल ने विधानसभा चुनाव में शिवसेना (शिंदे गुट) के संभावित उम्मीदवार को समर्थन का ऐलान करके सभी को सकते में डाल दिया है। अर्थात सांगली का ‘विशाल पैटर्न’ उद्धव के लिए एक बार फिर से सिरदर्द साबित हो सकता है।
बता दें कि लोकसभा चुनाव के दौरान विशाल पाटिल सांगली सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन उद्धव ने हठपूर्वक सांगली सीट से चंद्रहार पाटिल की उम्मीदवारी का एकतरफा ऐलान कर दिया था। जिसके बाद विशाल पाटिल ने शिवसेना (उद्धव गुट) के उम्मीदवार चंद्रहार के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़े और जीते भी थे। जीतने के बाद फिर से एमवीए को समर्थन देनेवाले विशाल ने रविवार को घोषणा की कि वह खानपुर निर्वाचन क्षेत्र में सुहास बाबर का समर्थन करेंगे। विशाल ने लोगों से बाबर को लाखों वोटों के रूप में अपना समर्थन देने की अपील भी की है।
सांसद विशाल ने कहा कि हम आजाद हैं, किसी से नहीं डरते। हमारे पास किसी से बात करने की कोई वजह नहीं है। हम जानते हैं कि जहां हमें अपने प्रति प्यार दिखता है वहां बदले में प्यार कैसे देना है। इसलिए उन्होंने सार्वजनिक रूप से कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि हम पूरी ताकत के साथ आपका समर्थन करेंगे। ऐसा कहते हुए लोकसभा के बाद विधानसभा में भी उद्धव गुट के खिलाफ दो-दो हाथ करने के अपने मंसूबे विशाल पाटिल ने दर्शा दिए है।
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लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेसी कार्यकर्ताओं पर विशाल की मदद करने के आरोप भी लगाए गए थे। सांगली में विशाल पाटिल की जीत के बाद कांग्रेस ने विशाल पाटिल और उन्हें समर्थन देनेवाले विधायक विश्वजीत कदम का जमकर स्वागत किया था। अब सूत्रों का ऐसा मानना है कि विशाल की इस ललकार के पीछे कांग्रेस एक बार फिर से खेला कर रही है। ताकि उद्धव की सीटें कम करके मुख्यमंत्री का पद हासिल किया जा सके।
2019 विधानसभा चुनाव में खानापुर आटपाडी निर्वाचन क्षेत्र में अनिल बाबर शिवसेना से निर्वाचित हुए थे। लेकिन एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद अनिल बाबर ने उद्धव का साथ छोड़ दिया था। हालांकि बाद में अनिल बाबर की असामयिक मृत्यु हो गई। ऐसे में इस बार विधानसभा चुनाव में अनिल बाबर के बेटे सुहास बाबर को एकनाथ शिंदे की शिवसेना का संभावित उम्मीदवार माना जा रहा है जबकि ऐसी संभावना भी व्यक्त की जा रही है कि यह सीट एमवीए में उद्धव ठाकरे को मिलेगी।
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आदित्य ठाकरे ने कहा कि हम महाविकास आघाड़ी का हिस्सा हैं और महाराष्ट्र से बीजेपी नीत महायुति सरकार को हटाने के लिए काम कर रहे हैं। ऐसे में एमवीए के सभी घटक दलों के बीच सामंजस्य एवं तालमेल बेहद जरूरी है।