आरएसएस रैली (सौजन्य-नवभारत,एक्स)
Centenary Path Movement: नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष पर आयोजित ऐतिहासिक पथसंचलन कार्यक्रम में करीब 21 हजार स्वयंसेवकों ने अनुशासन की शक्ति का अभूतपूर्व प्रदर्शन किया। सिटी की 3 दिशाओं से आएं स्वयंसेवकों के जत्थे के एकत्रीकरण का सरसंघचालक मोहन भागवत ने वेरायटी चौक पर अवलोकन किया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले सहित संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी भी इस अवसर पर मौजूद थे।
आरएसएस अपनी स्थापना का शताब्दी वर्ष मना रहा है। शनिवार को ही तिथि के अनुसार संघ की स्थापना हुई थी। परंपरागत रूप से विजयादशमी के दिन ही पथसंचलन का आयोजन किया जाता रहा है। इस बार दोनों कार्यक्रमों को अलग-अलग रखा गया है।
भारी बारिश के बावजूद स्वयंसेवकों के उत्साह पर तनिक भी असर नहीं पड़ा।
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तीनों दिशाओें से स्वयंसेवकों का जत्था जब वेरायटी चौक पर एकत्रीकरण के लिए आया तो भारत माता की जय के नारे गूंज उठे। इन नारों की गूंज से देशभक्ति का ज्वार उमड़ पड़ा। जहां-जहां से भी पथसंचलन गुजरा वहां कई लोगों ने पुष्पवर्षा करके स्वागत किया। चौक पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा भी आकर्षण का केंद्र रही। मुख्यमंत्री के हाथों छत्रपति की विधिवत पूजा की गई।
आरएसए रैली (सौजन्य-नवभारत)
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को कहा कि संगठन की ‘प्रार्थना’ भारत माता की प्रार्थना और देश एवं ईश्वर के प्रति संघ के स्वयंसेवकों का सामूहिक संकल्प है। भागवत ने कहा कि जहां व्यक्तिगत संकल्प प्रत्येक स्वयंसेवक के दृष्टिकोण तक सीमित रहते हैं, वहीं साझा मिशन और मूल्य संघ की प्रार्थना से उत्पन्न होते हैं।
1940 से स्वयंसेवक प्रतिदिन इसका पाठ करते हैं। यह प्रार्थना संघ का सामूहिक संकल्प है। प्रार्थना की भावना संकल्प की शक्ति है और यह मातृभूमि के प्रति भक्ति, प्रेम व समर्पण का प्रतीक है। यह प्रार्थना है कि हम देश को क्या दे सकते हैं और फिर ईश्वर से प्रार्थना है कि देश सेवा में हमारी सहायता करें।