वैष्णवी पर अमानवीय अत्याचार। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
पुणे: मुलशी के वैष्णवी हगवणे आत्महत्या मामले में आरोपी पति, सास और ननद की पुलिस कस्टडी बढ़ाने के आदेश न्यायालय ने दिए हैं। अब ये तीनों 28 मई तक पुलिस हिरासत में रहेंगे। वैष्णवी के ससुर राजेंद्र तुकाराम हगवणे, सास लता राजेंद्र हगवणे, देवर सुशील राजेंद्र हगवणे, ननद करीश्मा राजेंद्र और पति शशांक हगवणे, ये पांचों गिरफ्तार हैं। इनमें से राजेंद्र हगवणे और सुशील हगवणे 8 दिन तक फरार भी रहे थे, जिनकी भी पुलिस कस्टडी बढ़ाई गई है।
वैष्णवी के पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कुछ चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के आधार पर सास, पति और ननद की कस्टडी बढ़ाने की मांग की थी। पुलिस ने न्यायालय में अपनी दलील में शवविच्छेदन रिपोर्ट की चौंकाने वाली बातें बताईं। वैष्णवी के शरीर पर कुल 30 चोटें पाई गईं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि वैष्णवी की 15 चोटें आत्महत्या से पहले के पिछले 24 घंटों के अंदर की थीं। यह जानकारी पुलिस ने अदालत में स्पष्ट रूप से रखी है।
वैष्णवी के शरीर पर लगी चोटों में से एक चोट उसकी मौत से 6 दिन पहले की थी, ऐसा पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है। वैष्णवी के शरीर पर 11 चोटें 5 से 6 दिन पहले की हैं। इनमें से 2 चोटें 3 से 6 दिन पहले की बताई गई हैं, यह भी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में शामिल है। इसी कारण से पुलिस ने गहन जांच के लिए आरोपियों की पुलिस हिरासत बढ़ाने की मांग की है।
वैष्णवी को अपने ससुराल वालों से हिंसक व्यवहार, दहेज की मांग, आर्थिक तंगी और मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा। उसे समय-समय पर शारीरिक रूप से पीटा जाता था और कई बार उसे भूखा भी रखा जाता था। इस रोज़ाना की प्रताड़ना ने वैष्णवी के मानसिक संतुलन को प्रभावित किया और आखिरकार जांच में पता चला है कि उसने आत्महत्या जैसा कदम उठाया।
पुलिस ने इस मामले में अब तक 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और अन्य फरार आरोपियों की तलाश के लिए एक विशेष टीम भेजी गई है। इसके अलावा हगवणे परिवार द्वारा इस्तेमाल किए गए वित्तीय लेनदेन, धोखाधड़ी, हथियारों का इस्तेमाल और फर्जी बंधक लेनदेन की भी जांच चल रही है। आपराधिक मानसिकता, वित्तीय धोखाधड़ी और महिलाओं पर अत्याचार के कारण यह मामला अब और अधिक गंभीर हो गया है। इसलिए अगले कुछ दिनों में कुछ और आरोपियों की गिरफ्तारी या नए खुलासे की संभावना है।
वैष्णवी हगवणे की इस भयानक घटना के बाद मराठा समाज ने इस तरह के पारिवारिक हिंसाचार करने वाले परिवारों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। ऐसे परिवारों के साथ कोई भी रोटी-बेटी का व्यवहार नहीं किया जाएगा। साथ ही, शादी के दौरान हो रही दहेज की मांग जैसी कुप्रथाओं को रोकने के लिए आचारसंहिता बनाने का भी फैसला लिया गया है। वैष्णवी की आत्महत्या का मामला पुणे सहित पूरे राज्य में गूंज रहा है।