क्रांतिसूर्य महात्मा फुले फ्लाईओवर (सौ. सोशल मीडिया )
Pimpri News In Hindi: सांगवी फाटा स्थित क्रांतिसूर्य महात्मा फुले फ्लाईओवर (उड़ान पुल) महज आठ साल में ही धंस गया है। पुल में दरारें भी आ गई हैं और इसकी सीमा की दीवार (बाउंड़ी बॉल) के गिरने की आशंका पैदा हो गई है। यदि यह दीवार गिर जाती है तो फ्लाईओवर के नीचे से गुजरने वाले वाहनों के साथ हादसा होने का खतरा बढ़ गया है।
आँध से रावेत बीआरटीएस सड़क पर सांगवी फाटा पर औंध जिला अस्पताल के पास पिंपरी-चिंचवड़ मनपा ने करोड़ों रुपए खर्च करके यह फ्लाईओवर और ग्रेड सेपरेटर बनाया था। इस फ्लाईओवर के कारण सांगवी फाटा पर लगने वाले नियमित ट्रैफिक जाम टल गया है। सांगवी, पिंपले गुरव से पिपले निलख, वाकड, पिंपले सौदागर, हिंजवडी, वाकड, औंध, बाणेर, बालेवाड़ी, रावेत आदि क्षेत्रों में जाने के लिए वाहन चालक इस पुल का बड़े पैमाने पर उपयोग करते हैं और यह ट्रैफिक की दृष्टि से सुविधाजनक भी है।
सांगवी, पिंपले गुरव, दापोडी की ओर से औंध, बाणेर, हिंजवडी जाने के लिए दोपहिया वाहन चालक और अन्य वाहन चालक इसी पुल का उपयोग करते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता सुरेश सकट ने कहा है कि मनपा प्रशासन को फ्लाईओवर की सुरक्षा पर लगातार ध्यान देना चाहिए, क्या मनपा की नींद तभी खुलेगी, जब पुल धंसने से कोई बड़ा हादसा हो जाएगा? उन्होंने मांग की है कि मनपा को अंसे हुए पुल की तत्काल मरम्मत करानी चाहिए।
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पुल के निर्माण के बाद सुरक्षा की दृष्टि से मनपा द्वारा इसका ऑडिट कराया जाना आवश्यक होता है, लेकिन इतने बड़े पैमाने पर ज्वाइंट्स (जोड़ों) पर पुल के धंस जाने के बावजूद मनपा को इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है। पलाईओवर के प्रति ऐसी उदासीनता के कारण यदि पुल पूरी तरह से धंस जाता है और वाहनों के साथ हादसा होता है, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? यह सवाल खड़ा हो रहा है। आठ साल में ही पुल का निर्माण धंस जाने पर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है और इसके निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे हैं। सांगवी फाटा ब्रिज के अलावा, पिपरी-चिंचवड मनपा क्षेत्र में कई अन्य पलाईओवर और रेलवे ओवरब्रिज है। जिनकी उम्र पूरी होने संरचनात्मक कमजोर या दरारों के कारण उन्हें जोखिम भरा घोषित किया गया है या जिन पर लगातार मरम्मत कार्य की आवश्यकता है।