सीएम फडणवीस (pic credit; social media)
COEP University of Technology: महाराष्ट्र में तकनीकी शिक्षा को नई दिशा देने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को साफ शब्दों में कहा कि तकनीकी शिक्षा देने वाले संस्थानों को स्वायत्तता देना अब समय की मांग है। स्वायत्तता मिलने से न केवल शोध और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा बल्कि बदलती तकनीक के अनुसार सक्षम मानव संसाधन भी तैयार हो सकेगा।
फडणवीस पुणे स्थित सीओईपी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में पुस्तकालय और कंप्यूटर इंजीनियरिंग की नई इमारत के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। इस मौके पर इंजीनियरिंग दिवस और ‘सीओईपी अभिमान पुरस्कार’ का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटील, सीओईपी विश्वविद्यालय के कुलगुरु सुनील भरुड, कुलसचिव डॉ. दयाराम सोनवणे, पूर्व निदेशक शैलेश सहस्त्रबुद्धे और पूर्व विद्यार्थी संगठन के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
सीएम ने कहा कि सीओईपी जैसे संस्थानों के पास वैश्विक स्तर पर भागीदारी करने की क्षमता है। राज्य सरकार का मकसद है कि इन संस्थानों को अधिक स्वायत्तता देकर इन्हें और सशक्त बनाया जाए। उन्होंने खुलासा किया कि सीओईपी के विस्तार के लिए चिखली में 28 एकड़ जमीन दी गई है। फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र की 3 ट्रिलियन और भारत की 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ते वक्त तकनीकी शिक्षा ही वह सेतु है जो मानव संसाधन को तैयार करेगा।
मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि शोध और नवाचार के लिए राज्य सरकार हर संभव मदद करेगी। तकनीकी संस्थानों को आवश्यक निधि उपलब्ध कराई जाएगी ताकि वे नई तकनीक के हिसाब से छात्रों को प्रशिक्षित कर सकें।
सीओईपी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह संस्थान भारत के शैक्षिक इतिहास का गौरव है। 172 साल पुराने इस संस्थान ने देश को अनगिनत इंजीनियर और वैज्ञानिक दिए हैं। वर्ष 2028 में यह संस्थान 175 वर्ष पूरे करेगा, जो अपने आप में एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी।
फडणवीस ने स्पष्ट किया कि आने वाले समय में राज्य सरकार की रणनीति है कि अधिक से अधिक तकनीकी संस्थानों को स्वायत्तता देकर उन्हें शोध, नवाचार और आधुनिक शिक्षा में अग्रणी बनाया जाए।