पवना नदी (सौ. सोशल मीडिया )
Pune News In Hindi: महाराष्ट्र की प्रमुख नदियां गंभीर प्रदूषण संकट का सामना कर रही हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के प्रमुख शहरों पुणे, मुंबई और सोलापुर से गुजरने वाली नदियां अब ‘गंभीर रूप से प्रदूषित’ की श्रेणी में आ गई हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले वर्षों में इन नदियों का पानी न पीने लायक बचेगा, न खेती के काम आ सकेगा।
पुणे की मुला, मुठा और पवना नदियां शहरी सीवेज और कचरे की वजह से तेजी से प्रदूषित हो रही हैं। पुणे महानगर पालिका (पीएमसी) क्षेत्र में हर दिन करीब 980 करोड़ लीटर सीवेज उत्पन्न होता है, लेकिन शोधन की क्षमता केवल 477 करोड़ लीटर की ही है। बाकी गंदा पानी सीधे नदियों में छोड़ा जा रहा है, जिससे न केवल जल गुणवत्ता गिरी है, बल्कि जैव विविधता भी खतरे में पड़ गई है।
ये भी पढ़ें :- Pune Office Space में तेजी, 2026 तक 120 मिलियन वर्ग फीट स्टॉक का अनुमान
नदियां सिर्फ जल स्रोत नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आर्थिक जीवन का आधार हैं। लेकिन आज वे स्वयं बीमार हो चुकी हैं। यदि अब भी ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो महाराष्ट्र की नदियां पीने के पानी, सिंचाई और पर्यावरण के लिए अभिशाप बन सकती हैं। सीपीसीबी की रिपोर्ट केवल चेतावनी नहीं, बल्कि एक अलार्म है। समय रहते जागना होगा। सरकार, स्थानीय निकायों और आम जनता को मिलकर ही इन जीवनदायिनी नदियों को बचाने की जिम्मेदारी निभानी होगी।