पुणे हिंसा मामले में एक आरोपी गिरफ्तार (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Pune violence: सोशल मीडिया पर एक आपत्तिजनक पोस्ट के कारण शुक्रवार को यवत कस्बे में तनाव फैल गया। घटना के विरोध में गुस्साई भीड़ ने कुछ जगहों पर आगजनी और तोड़फोड़ की, जिससे पूरे इलाके में तनावपूर्ण माहौल बन गया। इस मामले में पुलिस ने आपत्तीजनक पोस्ट करने वाले आरोपी को हिरासत में लिया गया है और जिससे पुछताछ और जांच की जा रही है।
इस बीच मामले पर सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “मुझे अभी मामले की जानकारी मिली है। इसके अनुसार, किसी बाहरी व्यक्ति ने आपत्तिजनक स्टेटस पोस्ट किया था, जिससे तनाव पैदा हुआ। लोग सड़कों पर उतर आए और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। स्थिति अब नियंत्रण में है। दोनों समुदायों के लोग एक साथ बैठकर बातचीत कर रहे हैं और तनाव कम करने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ लोग जानबूझकर तनाव पैदा करने के लिए ऐसे स्टेटस पोस्ट करते हैं, लेकिन उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई ज़रूर की जाएगी।
फडणवीस ने कहा कि क्या सिर्फ़ इसलिए कि कोई सभा या कार्यक्रम हुआ था, इससे किसी को भी ऐसे भड़काऊ स्टेटस पोस्ट करने की आज़ादी मिल जाती है? किसी को भी इस तरह किसी भी धर्म के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है। इसलिए, यह कहना कि किसी सार्वजनिक सभा के कारण तनाव पैदा हुआ, पूरी तरह से गलत है। फ़िलहाल, इलाका पूरी तरह से शांतिपूर्ण है। हमें यह भी सत्यापित करना होगा कि वीडियो क्लिप उसी जगह की है या कहीं और की। ऐसे कई मामलों में, छेड़छाड़ किए गए वीडियो भी सामने आते हैं। इसलिए, उस पहलू की भी जांच होनी चाहिए। हमारी एक ही अपील है: सभी शांति बनाए रखें और कोई भी कानून अपने हाथ में न ले। अगर कोई ऐसा करने पर पुलिस उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।
On the Pune tension, Maharashtra CM Devendra Fadnavis says, “I have just gathered information about the matter. According to it, a person from outside had posted an objectionable status, which led to tensions. People came out onto the streets, and in order to control the crowd,… pic.twitter.com/uQQX3s8NsW — ANI (@ANI) August 1, 2025
शुक्रवार सुबह, यवत के सहकार नगर इलाके में रहने वाले एक मुस्लिम युवक ने सोशल मीडिया पर एक आपत्तिजनक पोस्ट शेयर की। जैसे ही यह पोस्ट जंगल की आग की तरह फैली, स्थानीय लोगों में गुस्से की लहर दौड़ गई। इस घटना के बाद दोपहर के आसपास तनाव बढ़ गया और हिंसा में बदल गया। गुस्साई भीड़ ने इलाके में कुछ दोपहिया वाहनों में आग लगा दी। इसके अलावा, एक मस्जिद में तोड़फोड़ की गई जिससे स्थिति और बिगड़ गई। सहकार नगर स्थित उस युवक के घर को कुछ कार्यकर्ताओं ने निशाना बनाया जिसने यह पोस्ट डाली थी।
पुलिस समय पर मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया। हालांकि उनके हस्तक्षेप से एक बड़ा हादसा टल गया, लेकिन यवत और आसपास के इलाकों में भय और तनाव का माहौल बना हुआ है। एहतियात के तौर पर और बढ़ते तनाव को देखते हुए, पुलिस ने यवत में लगने वाले साप्ताहिक बाज़ार को तुरंत बंद करा दिया।
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शुक्रवार की घटना को सिर्फ़ एक घटना नहीं माना जा रहा है। कुछ हफ़्ते पहले, 26 जुलाई को, यवत के नीलकंठेश्वर मंदिर में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति का अपमान हुआ था। इस घटना ने नागरिकों को गहरी भावनाओं से भर दिया था। उस घटना के ज़ख्म अभी ताज़ा ही थे कि इस नई घटना ने लोगों को अपना आपा खो दिया है और स्थिति बेकाबू हो गई है।
इस पूरे तनाव के बीच, उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने आज यवत से मात्र 10 किलोमीटर दूर वरवंड गांव में एक बड़ी बैठक और जनसंवाद यात्रा का आयोजन किया है। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य पूर्व विधायक रमेश थोरात का राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) में प्रवेश है। हालांकि, यवत की गंभीर स्थिति को देखते हुए, क्या पुलिस प्रशासन इतनी बड़ी बैठक की अनुमति देगा? और क्या उपमुख्यमंत्री अजित पवार स्वयं इतने संवेदनशील माहौल में बैठक करने का निर्णय लेंगे? यह देखना बेहद महत्वपूर्ण होगा। प्रशासन के सामने कानून-व्यवस्था बनाए रखने की बड़ी चुनौती है, और इस बैठक को लेकर अंतिम निर्णय क्षेत्र की शांति के लिए निर्णायक हो सकता है।