
पुणे ट्रैफिक (सौ, सोशल मीडिया )
Encroachment In Pune: पुणे मनपा (PMC) प्रशासन हर बार शहर की सड़कों को अतिक्रमण मुक्त करने की घोषणा करता है, लेकिन जमीनी हकीकत में हालात जस के तस बने हुए हैं।
अधिकारियों की लापरवाही के चलते अतिक्रमण हटाने का अभियान केवल तस्वीरों और प्रेस नोट तक सीमित रह गया है, जिसके कारण यह ‘कागजी मुहिम’ अब नागरिकों के सवालों के घेरे में हैं।
मनपा आयुक्त नवल किशोर राम ने हाल ही में फिर एक बार शहर को अतिक्रमण मुक्त करने का दावा किया, लेकिन, उन्हें अपने ही विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों का सहयोग नहीं मिल रहा है। यही वजह है कि अतिक्रमण हटाने का अभियान ठंडा पड़ जाता है और कब्जाधारी फेरीवाले कुछ ही दिनों में उसी जगह दुकानें सजा लेते हैं।
शहर की सड़कों पर लगातार बढ़ता ट्रैफिक जाम और अव्यवस्थित यातायात ने नागरिकों का जीना बेहाल कर दिया है। यातायात पुलिस और मनपा प्रशासन के संयुक्त निरीक्षण में भी यह स्पष्ट हो चुका है कि सड़क किनारे का अतिक्रमण ही जाम की सबसे बड़ी वजह है।
इसके बावजूद, अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई सिर्फ दिखावे की रह गई है। प्रशासन ने अब दावा किया है कि सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को सर्वेक्षण का आदेश दिया गया है। इन कार्यालयों को अपने अधिकार क्षेत्र में पंजीकृत फेरीवालों की सूची बनाने, ट्रैफिक प्रभावित इलाकों की पहचान करने और वैकल्पिक जगहों पर पुनर्वसन की योजना तैयार करने को कहा गया है।
सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को निर्देश दिए गए है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में पंजीकृत फेरीवालों की सूची तैयार करें, ट्रैफिक जाम वाले इलाकों की पहचान करें और पुनर्वसन के लिए वैकल्पिक स्थानों का सर्वेक्षण करें।
इसके साथ ही, फेरीवाला समिति की बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें पुनर्वसन प्रक्रिया और संबंधित नीतियों पर चर्चा की जाएगी। पुनर्वसन के बाद यदि कोई फेरीवाला दोबारा उसी स्थान पर व्यापार करता पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन का यह कदम न केवल सड़कों को अतिक्रमण मुक्त करने में मदद करेगा, बल्कि शहर में यातायात व्यवस्था को भी सुव्यवस्थित करने में सहायक होगा।
– पृथ्वीराज बी। पी। अतिरिक्त आयुक्त, पीएमसी।
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