पुणे महानगरपालिका (सौ. सोशल मीडिया )
Pune News In Hindi: महानगर पालिका चुनाव की रणभेरी बजते ही पुणे और पिंपरी-चिंचवड की राजनीति में जबरदस्त भूचाल आ गया है। शनिवार को उम्मीद के मुताबिक, दलबदल का बड़ा खेल देखने को मिला, जिसमें स्थानीय राजनीति के 10 से अधिक दिग्गज चेहरों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया।
इस घटनाक्रम को शरद पवार और अजीत पवार गुट के लिए झटके के रूप में देखा जा रहा है। भाजपा ने ‘ऑपरेशन लोटस’ के जरिए विपक्षी किलों में सेंध लगाई, वहीं पूर्व उपमहापौर ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना का रुख कर सबको चौंका दिया।
पुणे की राजनीति में सबसे चौकाने वाला प्रवेश खडकवासला से शरद पवार के बेहद करीची माने जाने वाले सचिन दोडके का रहा, सुप्रिया सुले के वफादार सिपाही कहे जाने वाले दोडके को भाजपा में लाने के लिए केंद्रीय राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने पूरी ताकत झोंक दी थी, हालांकि, इस प्रवेश का भाजपा के भीतर ही कड़ा विरोध हुआ।
खडकवासला के भाजपा विधायक भीमराव तापकीर ने दोडके के प्रवेश पर आपत्ति जताई थी। सूत्रों के अनुसार, पार्टी की कोर कमेटी की बैठक में पुणे के इन दो ‘अन्ना’ (मोहोल और तापकीर) के बीच तीखी बहस भी हुई। आखिरकार हाईकमान के दखल के बाद मोहोल अपनी बिसात बिछाने में सफल रहे और दोडके को पार्टी में शामिल कर तापकीर को सियासी मात दे दी।
पुणे के सबसे वरिष्ठ पूर्व पार्षद और पूर्व उपमहापौर आबा बागुल ने अपनी नई राजनीतिक पारी की शुरुआत मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के साथ की है। कांग्रेस के निष्ठावान रहे बागुल ने पिछले विधानसभा चुनाव में बगावत की थी, जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था। चर्चा थी कि वे भाजपा में जाएंगे, लेकिन उन्होंने शिंदे की शिवसेना को चुनकर सभी कयासों पर विराम लगा दिया।
विकासोन्मुख हिंदुत्व के आधार पर हम पिंपरी-चिंचवड में भाजपा की निर्विवाद जीत सुनिश्चित करेंगे, सर्वदलीय दिग्गजों का भाजपा परिवार में स्वागत है।
– महेश लांडगे, विधायक
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पुणे और पिंपरी-चिंचवड महानगर पालिका के लिए 15 जनवरी को मतदान होगा जबकि 16 जनवरी को मतों की गणना की जाएगी। आवार संहिता लागू होने के बाद हुए इस बड़े दलबदल ने विपक्षी खेने में खलबली मचा दी है।