
शरद पवार व अजित पवार (डिजाइन फोटो)
Ajit Pawar Sharad Pawar Alliance: आगामी पुणे नगर निगम चुनावों से पहले शहर की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) के पुणे शहर अध्यक्ष सुभाष जगताप ने ऐलान किया है कि NCP के दोनों गुट अजित पवार गुट और शरद पवार गुट नगर निगम चुनाव एक साथ मिलकर लड़ेंगे। इस घोषणा के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है।
पत्रकारों से बातचीत में सुभाष जगताप ने बताया कि हाल ही में दोनों गुटों के वरिष्ठ नेताओं की एक अहम बैठक हुई थी। इस बैठक में चुनाव को सौहार्दपूर्ण माहौल में और आपसी सहयोग से लड़ने पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि शरद पवार गुट के वरिष्ठ नेताओं अंकुश काकडे और वंदना चव्हाण के साथ आगे की बातचीत जारी है। सीटों के बंटवारे पर भी सहमति बनाने की कोशिश चल रही है और 25 या 26 दिसंबर को गठबंधन की औपचारिक घोषणा की जा सकती है।
सुभाष जगताप ने यह भी स्पष्ट किया कि दोनों गुटों ने पार्टी सिंबल को लेकर सख्त रुख न अपनाने का फैसला किया है। इससे यह संकेत मिलते हैं कि दोनों पक्ष चुनावी रणनीति में लचीलापन दिखाने को तैयार हैं, ताकि आपसी टकराव से बचा जा सके और विपक्ष को मजबूत चुनौती दी जा सके।
इस बीच, शरद पवार गुट के पुणे शहर अध्यक्ष प्रशांत जगताप ने इस संभावित गठबंधन के विरोध में अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनके इस कदम को पार्टी के भीतर असहमति के तौर पर देखा जा रहा है, जिससे NCP के अंदरूनी मतभेद सामने आ गए हैं।
यह भी पढ़ें:- NIA चीफ सदानंद दाते की महाराष्ट्र कैडर में वापसी, 26/11 में कसाब से लिया था लोहा, अब बनेंगे DGP
सुभाष जगताप ने प्रशांत जगताप के इस्तीफे पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जो प्रशांत जगताप कभी नगर निगम की बैठकों में यह कहते थे कि “अगर मेरा सीना चीरोगे तो अजित दादा दिखेंगे”, वही आज अजित पवार के खिलाफ खड़े नजर आ रहे हैं। सुभाष जगताप ने इसे स्वार्थी राजनीति करार दिया और सवाल उठाया कि पहली बार चुने जाने पर मेयर पद देने वाले अजित पवार के खिलाफ यह रुख क्यों अपनाया गया।
NCP के दोनों गुटों के संभावित गठबंधन और इस्तीफे की इस घटना ने पुणे नगर निगम चुनाव को और दिलचस्प बना दिया है। आने वाले दिनों में यह साफ होगा कि यह एकजुटता चुनावी मैदान में कितनी कारगर साबित होती है।






