
पुणे- कोल्हापुर एनएच 48 (सौ. सोशल मीडिया )
Pimpri News In Hindi: महाराष्ट्र और कर्नाटक को जोड़ने वाले एक महत्वपूर्ण लाइफलाइन, पुणे-कोल्हापूर राष्ट्रीय महामार्ग (NH-48) के लिए केंद्र सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में घोषणा की है कि इस महामार्ग के व्यापक सुधार, विस्तार और कायापलट के लिए लगभग 6000 करोड़ रुपये की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कर ली गई है।
मंत्री ने आश्वासन दिया है कि इस महत्वाकांक्षी परियोजना का क्रियान्वयन अगले एक वर्ष के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। ट्रैफिक जाम से लोग त्रस्त महामार्ग पिछले कई वर्षों से रुके हुए कार्यों, खतरनाक गड्डों और भारी ट्रैफिक जाम की समस्याओं के कारण लगातार यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। सांसद सुप्रिया सुले समेत कई जनप्रतिनिधियों ने संसद में इसकी खराब स्थिति और आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं के मुद्दे को गंभीरता से उठाया था, सरकार ने भी इस पर मुहर लगाई है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने स्पष्ट किया है कि सरकार का पूरा जोर पुणे-कोल्हापूर महामार्ग का काम अगले एक वर्ष में पूरा करने पर है, ताकि खास तौर पर बेंगलुरु की ओर जाने वाले यात्रियों को बड़ी राहत मिल सके। 6000 करोड़ रुपये के इस मेगा प्लान में महामार्ग की वर्तमान स्थिति को सुधारने के लिए कई बड़े बदलाव अपेक्षित हैं।
पुणे से सातारा के बीच का मार्ग, जिसका काम पहले रिलायंस के पास था, उसे हटाकर अब एक नए ठेकेदार को सौंपा गया है। काम की गुणवत्ता और समय पर पूरा करने को सुनिश्चित करने के लिए इस पूरे खंड का नए सिरे से अध्ययन किया जा रहा है।
पुणे वेस्टर्न बायपास पर स्थित सेवा सड़कों (सर्विस रोड) के विकास के लिए मंत्रालय द्वारा विशेष रूप से फंड का उपयोग किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में यातायात को सुगम बनाना है।
पुणे- सातारा मार्ग पर यातायात को धीमा करने वाले खंबाटकी घाट क्षेत्र में दो नई सुरंगों का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। उम्मीद है कि इनमें से एक सुरंग का उद्घाटन जल्द ही हो जाएगा। इन सुरंगों के कारण घाट के घुमावदार और समय लेने वाले मार्ग से बचा जा सकेगा, जिससे यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा।
सातारा से कोल्हापूर खंड के काम का ठेका पहले ही दिया जा चुका है। मंत्रालय ने इस खंड में सतह की मरम्मत और कंक्रीटीकरण जैसे महत्वपूर्ण सुधार कार्यों को भी एक वर्ष के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
ये भी पढ़ें :- 32 गांवों का 2000 करोड़ जीएसटी अटका, Pune MNC ने सरकार को फिर भेजा पत्र
परियोजना की गुणवत्ता और समय पर पूरा करने को लेकर प्रशासन पर भारी दबाव है, स्थानीय नेताओं ने सख्त रुख अपनाया है। मंत्री हसन मुश्रीफ ने केंद्रीय मंत्री गडकरी से मांग की है कि यदि महामार्ग का काम 31 जनवरी तक पूरा नहीं होता है, तो इस मार्ग पर टोल वसूली रद्द कर दी जानी चाहिए, यह धमकी स्पष्ट करती है कि परियोजना को गुणवत्ता के साथ और तय समय सीमा में पूरा करने के लिए प्रशासन को हर हाल में परिणाम देना होगा। इस व्यापक सुधार योजना के बाद, NIH-48 के न केवल दुर्घटना मुक्त होने, बल्कि महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच परिवहन और व्यापार को भी नई गति मिलने की उम्मीद है।






