
पुणे मनपा (सोर्स: सोशल मीडिया)
Pune News In Hindi: पुणे महानगर पालिका (मनपा) में शामिल किए गए 32 गांवों से वसूले गए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का लगभग 2000 करोड़ रुपये का हिस्सा अब तक मनपा को नहीं मिला है।
इस महत्वपूर्ण निधि को प्राप्त करने के लिए मनपा आयुक्त नवल किशोर राम ने एक बार फिर राज्य सरकार को पत्र भेजने का फैसला किया है। यह राशि मनपा के लिए इन नए शामिल हुए क्षेत्रों के विकास कार्यों के लिए बड़े पैमाने पर आर्थिक सहायता उपलब्ध करा सकती है।
मनपा पिछले तीन वर्षों से लगातार इस निधि की मांग कर रही है, लेकिन सरकार की ओर से कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला है। आयुक्त ने बताया कि इस विलंब के कारण विकास कार्यों में बड़ी बाधा आ रही है।
मनपा को जीएसटी लागू होने के बाद जकात और स्थानीय निकाय कर (एलबीटी) से हुए राजस्व नुकसान की भरपाई के तौर पर राज्य सरकार से एलबीटी प्रतिपूर्ति अनुदान मिलता है। यह अनुदान शहर से वसूले गए जीएसटी के हिस्से में से दिया जाता है। हालांकि, वर्तमान में यह जीएसटी हिस्सा केवल मनपा की पुरानी भौगोलिक सीमा से हुई वसूली पर आधारित है।
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मनपा की सीमा का विस्तार 2017 में 11 गांवों को और 2021 में 23 गांवों को मिलाकर किया गया, जिससे शहर का भौगोलिक दायरा लगभग दोगुनी हो गई है। इसके बावजूद, सरकार की ओर से जीएसटी का हिस्सा अभी भी पुरानी सीमा के अनुसार ही दिया जा रहा है। इन 32 गांवों के विकास की जिम्मेदारी पूरी तरह से मनपा पर है, लेकिन सीमित आय के चलते निधि जुटाना मुश्किल हो रहा है। गांवों की शामिल करने से पहले मनपा ने 2000 करोड़ रुपये और फिर 3000 करोड़ रुपये के विशेष अनुदान की मांग की थी, लेकिन सरकार से कोई अनुदान नहीं मिला।






