
संसद में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी व सांसद सुप्रिया सुले (सोर्स: IANS)
Pune Navale Bridge Accident News: पुणे के नवले ब्रिज पर हुए घातक हादसे का मुद्दा सांसद सुप्रिया सुले ने संसद शीतकालीन सत्र में उठाया। नवंबर में इस एक्सीडेंट में 8 लोगों की मौत हुई थी। सुले ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से पूछा कि नरहे इलाके में काम कब पूरा होगा, ताकि ‘जीरो एक्सीडेंट’ का लक्ष्य हासिल किया जा सके।
सांसद सुप्रिया सुले ने संसद में पुणे के नवले ब्रिज पर हुए एक्सीडेंट का मुद्दा उठाते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन और इंफ्रास्ट्रक्चर मिनिस्टर नितिन गडकरी से यह सवाल किया। सुप्रिया सुले ने बताया कि कोल्हापुर से पुणे जाने वाली सड़क पर नरहे इलाके में कुछ एक्सीडेंट हुए थे, और हालांकि एक्सीडेंट कम हुए हैं, लेकिन वे अभी भी हो रहे हैं।
📍नई दिल्ली | लोक सभा सांसद श्रीमती @supriya_sule जी द्वारा कोल्हापुर से पुणे हाईवे के संबंध में पूछे गए प्रश्न का केंद्रीय मंत्री श्री @nitin_gadkari जी द्वारा उत्तर। #QuestionHour #लोकसभा #WinterSession pic.twitter.com/qOuFHfOoP4 — Office Of Nitin Gadkari (@OfficeOfNG) December 4, 2025
उन्होंने कहा कि ध्यान इस बात पर होना चाहिए कि जीरो एक्सीडेंट कैसे हासिल किया जाए। सुप्रिया सुले ने नितिन गडकरी से पूछा कि नरहे इलाके में काम कब पूरा होगा। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि गडकरी ने कुछ कॉन्ट्रैक्टर को ब्लैकलिस्ट भी किया था, लेकिन वह काम कब पूरा होगा।
सांसद सुप्रिया सुले के सवाल का जवाब देते हुए नितिन गडकरी ने कहा कि पुणे-कोल्हापुर एक जरूरी रोड है। उन्होंने मंत्रालय के आगामी कार्यों का विवरण दिया।
यह भी पढ़ें:- शादी में ऐसा नजारा, डॉक्टर दुल्हन ने मिनटों में बचाई महिला की जान! Video देख आप भी कहेंगे ‘वाह’
पिछले महीने नवले पूल इलाके में हुए एक भयानक एक्सीडेंट में आठ लोगों की मौत हो गई थी। इस एक्सीडेंट में नौ से दस लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए थे। इस हादसे के बाद, मुरलीधर मोहोल ने नवले पूल इलाके का दौरा किया था। इस मौके पर विधायक भीमराव तपकीर, म्युनिसिपल कमिश्नर नवलकिशोर राम, पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार, और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के ऑफिसर संजय कदम भी मौजूद थे।
नवले ब्रिज इलाके में पहले भी गंभीर हादसे हुए थे। हादसों की संख्या कम करने के लिए, दरी ब्रिज से वडगांव बुद्रुक इलाके में कई कदम उठाए गए थे, जिनमें तेज रफ़्तार गाड़ियों के लिए स्पीड लिमिट तय करना, रंबलिंग स्ट्रिप लगाना, स्पीड गन की संख्या बढ़ाना, और आउटर रिंग रोड पर मोड़ बंद करना शामिल था। इन कदमों से संख्या कम हुई, लेकिन हादसे अभी भी हो रहे हैं, यही मुद्दा सुप्रिया सुले ने लोकसभा में उठाया था।






