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पुणे: पुणे शहर (Pune City) के 15 से 18 उम्र के 65 फीसदी लड़के-लड़कियों ने को वैक्सीन (Vaccine) की पहली डोज (First Dose) ली है। पूर्ण वैक्सीनेशन वाले 21 फीसदी लड़के लड़कियों की जानकारी पुणे महानगरपालिका (पीएमसी) के स्वास्थ्य विभाग ने दी है, लेकिन सवाल है कि जनवरी से शुरू हुई वैक्सीनेशन (Vaccination) की इस मुहिम में अब तक केवल 21 फीसदी किशोरों का ही वैक्सीनेशन क्यों हुआ। इस रफ्तार से कब तक सौ फीसदी वैक्सीनेशन का लक्ष्य पूरा होगा। किशोरों (Teenagers) के वैक्सीनेशन मुहिम की इस सुस्ती से नई समस्या खड़ी हो सकती है और वह स्वास्थ्य प्रशासन (Health Administration) के लिए सिरदर्द साबित हो सकता है।
देश में कोरोना का सबसे असर पुणे शहर में हुआ था। इस वजह से कोरोना वैक्सीन लेने वालों में मुंबई के बाद पुणे का ही नाम आता है। राज्य में 3 जनवरी से 15 से 18 उम्र के लड़के-लड़कियों के लिए वैक्सीनेशन शुरू हुई है। पुणे जिले में 5 लाख 53 हजार 190 किशोरों को वैक्सीन देने का लक्ष्य निश्चित किया गया है। इनमें पुणे शहर के एक लाख 73 हजार किशोर शामिल है। इनमें से एक लाख 2 हजार 374 (65 फीसदी) लड़के लड़कियों ने पहली डोज ली है। दूसरी डोज लेने वालों की संख्या 21 फीसदी (36 हजार 315) है। यह जानकारी पीएमसी की तरफ से दी गई है।
पीएमसी के वैक्सीनेशन अधिकारी डॉ. सूर्यकांत देवकर ने बताया कि शहर में कोवैक्सीन के 50 हजार डोज की सप्लाई इससे पूर्व राज्य सरकार ने की है। उसके बाद से अब तक नए वैक्सीन की सप्लाई नहीं हुई है, लेकिन 15 से 18 उम्र के किशोरों को शनिवार 26 फरवरी को 40 वैक्सीनेशन सेंटर पर वैक्सीन उपलब्ध कराई गई। 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को 11 केंद्रों पर कोवैक्सीन की डोज दी जाएगी।
किशोर लड़के-लड़कियों के लिए केवल कोवैक्सीन वैक्सीन उपलब्ध कराई गई है। फरवरी में कोवैक्सीन के डोज की सप्लाई ठप हो गई थी। इस वजह से वैक्सीनेशन की गति धीमी पड़ गई थी। पुणे शहर में 12 फरवरी तक 94 हजार 915 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई। शहर में पिछले 13 दिनों में केवल 7 हजार 459 वैक्सीन की डोज दी गई। वैक्सीन सप्लाई में अनियमितता की वजह से शहर में कोवैक्सीन की किल्लत महसूस की जा रही थी। इसकी वजह से वैक्सीनेशन केंद्र बंद रखना पडा था। इसका असर वैक्सीनेशन मुहिम पर पड़ा है। यह जानकारी डॉक्टरों ने दी है।