
पुणे महानगरपालिका (सौ. सोशल मीडिया )
Pune News In Hindi: पुणे महानगर पालिका (पीएमसी) में कार्यरत लगभग 10,000 ठेका कर्मचारियों के लिए अच्छे दिन आने की उम्मीद है। उनके साथ होने वाले आर्थिक शोषण और अनियमितताओं को रोकने के लिए महानगर पालिका ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके तहत अब ठेकेदारों के लिए कर्मचारियों को ‘नियुक्ति पत्र’ देना अनिवार्य होगा।
अतिरिक्त आयुक्त पवनीत कौर द्वारा जारी किए गए इन कड़े निर्देशों से न केवल कर्मचारियों को समय पर वेतन मिलेगा, बल्कि उनके अन्य आवश्यक अधिकारों की भी सुरक्षा सुनिश्चित होगी। यह कदम महानगरपालिका के कामकाज में पारदर्शिता लाने और कर्मचारियों को न्याय दिलाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।
पुणे मनपा में पिछले करीब 10 वर्षों से स्थायी कर्मचारियों की भर्ती बंद है, जबकि शहर का दायरा और काम का बोझ लगातार बढ़ रहा है। इस दौरान बड़ी संख्या में कर्मचारियों के रिटायर होने के कारण कर्मचारियों की कमी महसूस हुई। इस आवश्यकता को देखते हुए, पीएमसी ने ग्रेड 3 और ग्रेड 4 के कई पदों पर कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर कर्मचारियों की भर्ती शुरू की।
टेंडर प्रक्रिया पर 200 करोड़ रुपये का खर्च
वर्तमान में, ठोस कचरा प्रबंधन, जलापूर्ति स्वास्थ्य, सड़क, और सुरक्षा विभाग सहित विभिन्न 15 क्षेत्रीय कार्यालयों में करीब 10,000 ठेका कर्मचारी कार्यरत हैं। इन कर्मचारियों की नियुक्त्ति विचिवत टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से की जाती है, जिस पर महानगर पालिका सालाना लगभग 200 करोड़ रुपये खर्च करती है। ठेकेदारों के साथ हुए करार के अनुसार, कर्मचारियों को हर महीने की 10 तारीख तक वेतन जमा करना, पीएफ खाता खोलना, ईएसआई कार्ड देना और छुट्टियां देना अनिवार्य है।
नियुक्ति पत्र अनिवार्यः भविष्य में प्रत्येक नए टेंडर के तहत, ठेकेदार को संबंधित कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र और पहचान पत्र देना अनिवार्य होगा। इस पत्र में पद का नाम, काम का स्वरूप, काम के घंटे, काम समाप्ति की अवधि, और टेंडर की अवधि का स्पष्ट उल्लेख जरूरी है।
समय पर वेतन और वेतन पर्चीः वेतन महीने की 1 से 7 तारीख के भीतर देना अनिवार्य होगा। साथ ही, ठेकेदार को कर्मचारियों को वेतन पर्ची (सैलरी स्लिप) देना भी अनिवार्य होगा, जिसमें मकान किराया भत्ता, अवकाश वेतन और बोनस शामिल हो।
रिकॉर्ड का रख-रखावः नियुक्ति पत्र और पहचान पत्र के दस्तावेजों का रिकॉर्ड संबंधित विभाग द्वारा रखा जाना अनिवार्य है।
कड़ी कार्रवाईः इन नियमों का पालन नहीं करने वाले ठेकेदारों पर जुर्माना और प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
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इन अनियमितताओं के कारण ठेका कर्मचारियों का भारी शोषण हो रहा था, और इन मामलों में संबंधित विभागीय अधिकारियों पर ठेकेदारों को संरक्षण देने के आरोप भी लग रहे थे। इन सभी समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए, अतिरिवत आयुक्त पवनीत कौर ने ठेका कर्मचारियों के शोषण को रोकने और ठेकेदारी व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए महत्वपूर्ण आदेश जारी किए है।






