
मोबाइल टावर (सोर्स: AI)
Pimpri News In Hindi: पिंपरी-चिंचवड शहर के मोबाइल टावर धारकों पर महानगर पालिका का 102 करोड़ रुपये का प्रॉपटी टैक्स बकाया है, लेकिन केंद्र सरकार के नए दूरसंचार कानून के चलते यह वसूली अटक गई है।
मनपा प्रशासन लाचार होकर सिर्फ राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों का इंतजार कर रहा है। इसके अलावा, शहर में कुल 913 मोबाइल टावर हैं, जिनमें से चौंकाने वाले 387 टावर पूरी तरह अवैध हैं।
दो साल पहले हुए सर्वे के बावजूद, टैक्स कलेक्शन विभाग वैध और अवैध, दोनों तरह के टावर धारकों से वसूली में लापरवाही बरत रहा है। कानून की पेचीदगियों ने मनपा प्रशासन को लगभग बंधक सा बना दिया है, जिससे इतनी बड़ी रकम की वसूली पर सवालिया निशान लग गया है।
विधायक अमित गोरखे ने विधान परिषद में एक तारांकित प्रश्न के रूप में यह मामला उठाया था कि आवासीय सोसायटियों की इमारतों पर मोबाइल टावर लगाए जाने का विरोध होने के बावजूद अधिकारी इसकी अनदेखी कर रहे हैं।
इस पर कार्रवाई होगी या नहीं? उनके प्रश्न का लिखित उत्तर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दिया है। केंद्र सरकार ने वर्ष 2024 में नया दूरसंचार कानून बनाया था, जिसे 1 जनवरी 2025 से लागू किया गया है।
यह कानून राज्य की सभी नगर पालिकाओं और महानगर पालिकाओं में 5 फरवरी 2025 से लागू हुआ है। इस कानून के तहत, मोबाइल टावरों को प्रॉपर्टी टैक्स के दायरे में शामिल नहीं किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त, केंद्र सरकार द्वारा अधिकृत अधिकारियों की अनुमति के बिना किसी भी मोबाइल टावर पर कार्रवाई नहीं की जा सकती है।
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शहर के 913 मोबाइल टावर धारकों पर मनपा का कुल 102 करोड़ 7 लाख रुपये का प्रॉपर्टी टैक्स बकाया है। केंद्र सरकार के इस कानून के चलते मनपा को इन 102 करोड़ रुपये के राजस्व से हाथ धोना पड़ सकता है। इस बकाया टैक्स की वसूली के लिए राज्य सरकार से मार्गदर्शन मांगा गया है और उसके अनुसार आगे की कार्यवाही की जाएगी। यह जानकारी टैक्स कलेक्शन विभाग के उपायुक्त पंकज पाटिल ने दी है।






