पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका (सोर्स: सोशल मीडिया)
Pimpri News In Hindi: पिंपरी-चिंचवड महानगर पालिका (पीसीएमसी) ‘स्मार्ट सिटी’ के बड़े बड़े दावे कर रहा है, लेकिन धरातल पर सच्चाई इसके ठीक उलट है। शहर का हृदय स्थल माने जाने वाले प्रभाग क्रमांक 14 (चिंचवड स्टेशन-मोहननगर) में वर्तमान में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है।
श्रमिक और व्यापारी वर्ग की घनी आबादी वाले इस क्षेत्र में नागरिक पानी, बिजली, अतिक्रमण और आवारा कुत्तों के आतंक के बीच पिसने को मजबूर हैं। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि जनप्रतिनिधियों और प्रशासन की उदासीनता के कारण विकास केवल कागजों तक सीमित रह गया है।
प्रभाग क्रमांक 14 के अंतर्गत मोहननगर, रामनगर, कालभोरनगर, दत्तवाडी और आकुर्डी जैसे क्षेत्र आते हैं। यहां कई पुरानी चॉल हैं। यहां श्रमिक बहुल बस्तियों से लेकर बड़ी हाउसिंग सोसायटियों में रहने वाले मध्यम वर्ग तक की मिली-जुली आबादी है। ऐतिहासिक खंडोबा मंदिर और श्री संत तुकाराम महाराज पालकी का प्रथम विश्राम स्थल आकुर्डी विठ्ठल रुक्मिणी मंदिर भी इसी क्षेत्र में है। धार्मिक और औद्योगिक महत्व होने के बावजूद, यहां के निवासियों को बुनियादी सुविधाओं के लिए अक्सर संघर्ष करना पड़ता है।
मोहननगर, रामनगर और विठ्ठलवाडी क्षेत्र में पानी की समस्या विकराल है। प्रशासन द्वारा एक दिन छोड़कर जलापूर्ति की जाती है, लेकिन पानी का दबाव इतना कम होता है कि वह ऊंचाई वाले क्षेत्रों तक पहुंच ही नहीं पाता। इसके कारण चॉलों और सोसायटियों के निवासियों को रात-रात भर जागकर पानी का इंतजार करना पड़ता है। ‘जल ही जीवन है’ का नारा यहां के लोगों के लिए केवल एक उपहास बनकर रह गया है।
बिजली की ‘लुका-छिपी’ ने नागरिकों का जीना मुहाल कर दिया है। मोहननगर और रामनगर में भूमिगत बिजली की तारें पुरानी और जर्जर हो चुकी हैं। मानसून के दौरान मामूली बारिश में भी घंटों बिजली गुल रहती है। सबसे गंभीर समस्या ‘हाई-वोल्टेज’ और ‘लो-वोल्टेज’ की है, जिसके कारण नागरिकों के फ्रिज, टीवी और एसी जैसे महंगे उपकरण जलकर खराब हो रहे हैं।
प्रसाद शेट्टी, उर्मिला कालभोर, मीनल यादव, वैशाली कालभोर, संगीता बेद्रे, दीपा काटे, तेजस्विनी दुर्गे, योगिता कांबले, सोनाली जाधव, मोनिका कुटे, मनीषा शिंदे और रानी टेकवडे
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प्रशासन ने पैदल यात्रियों की सुविधा के लिए लाखों रुपये खर्च कर चौड़े फुटपाथ बनवाए, लेकिन उन पर अब दुकानदारों और अवैध विक्रेताओं का कब्ता है। आकुर्डी और मोहननगर में फुटपाथों का उपयोग अब पार्किंग या व्यापार के लिए हो रहा है। इसके चलते राहगीरों को मुख्य सड़क पर चलना पड़ता है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है।