रियल एस्टेट सेक्टर (सौ. सोशल मीडिया )
Pune News In Hindi: मुंबई और पुणे के आवासीय बाजार इस समय देश के सबसे मजबूत केंद्र बन चुके हैं। बढ़ती विक्री, प्रॉपर्टी की कीमतों में तेजी और लक्जरी आवास की ओर बढ़ते रुझान इस सेक्टर की मजबूती दर्शाते हैं। लेकिन किफायती घरों की कमी गंभीर चुनौती बनी हुई है।
यदि सरकार की नई योजनाएं प्रभावी ढंग से लागू होती हैं, तो आने वाले वर्षों में यह क्षेत्र न केवल निवेशकों बल्कि हर वर्ग के लोगों के लिए मौके प्रदान कर सकता है। JLL और NAREDCO की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक कोविड-19 महामारी के बाद से लेकर वर्ष 2022 से 2025 की पहली छमाही तक दोनों शहरों में आवासीय बिक्री ने नया इतिहास रचा है।
इस अवधि में कुल 1.5 लाख यूनिट्स की बिक्री दर्ज की गई, जो 2016 से 2019 की अवधि के मुकाबले लगभग दोगुना है। गौरतलब है कि 2016 से 2019 तक की अवधि के दौरान यह आंकड़ा केवल 46,528 यूनिट्स था।
रिपोर्ट बताती है कि महामारी के बाद से आवासीय संपत्तियों में निवेशक और खरीदारों की रुचि बढ़ी है। इसका सीधा असर कीमतों पर पड़ा है। मुंबई में 2019 से 2025 छमाही तक घरों की कीमतों में लगभग 28% की वृद्धि हुई, जबकि पुणे में । यह बढ़ोत्तरी लगभग 20% रही। यह रुझान बताता है कि दोनों शहर न केवल रोजगार के बड़े केंद्र हैं, बल्कि निवेश के लिहाज से भी सबसे आकर्षक बाजार बन चुके हैं।
सरकार ने हाल ही में माझे घर, माझे अधिकार योजना की घोषणा की है। इसके अंतर्गत 2030 तक 35 लाख EWS और LIG श्रेणी के घर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इस परियोजना में लगभग 70 हजार करोड़ रुपये का निवेश होने का अनुमान है। योजना का उद्देश्य है कि आर्थिक रूप से कमजोर और निम्न आय वर्ग के परिवार भी बड़े शहरों में घर खरीद सके। इसके लिए सरकार ने SHIP महारेरा और पीएम-गति शक्ति जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग कर पारदर्शिता और त्वरित अनुमोदन सुनिश्चित करने का प्रस्ताव रखा है।
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भले ही रिपोर्ट उत्साहजनक लग रही है, लेकिन इसमें किफायती आवास की कमी से संकेत मिलता है कि गरीब और मध्यमवर्गीय खरीदार घर से वंचित हो सकते हैं। इसके अलावा मुंबई और पुणे में भूमि सीमित है, जिससे भविष्य में विकास उपनगरों और नए टाउनशिप्स की ओर बढ़ेगा। इसके लिए सड़क, जल-विद्युत और परिवहन जैसी का सुविधाओं विकास अनिवार्य होगा।