रियल एस्टेट सेक्टर (सौजन्य : सोशल मीडिया)
नई दिल्ली : भारत के रियल एस्टेट सेक्टर पर महंगाई का सीधा असर होते हुए देखा जा सकता है। देश के टॉप 7 शहरों में इस साल मकानों की सेल्स 4 प्रतिशत तक घटी है। इस गिरावट के साथ ये आंकड़ा 4.6 लाख यूनिट तक रह गया है। अगर कीमत के हिसाब से सेल्स का अंदाजा लगाया जाए तो ये 16 प्रतिशत तक बढ़ गया है। इस बढ़त के साथ इसके 5.68 लाख करोड़ रुपये तक होने की संभावना है।
रियल एस्टेट सलाहकार एनारॉक के अनुसार, प्लॉट, लेबर और कंस्ट्रक्शन संबंधी कुछ कच्चे माल की बढ़ती कीमतों के कारण इस साल 7 प्रमुख शहरों में औसत आवास की कीमतों में 21 प्रतिशत की बढ़त हुई।
भारत में लीडिंग आवास ब्रोकरेज कंपनियों में से एक एनारॉक ने 2024 में बिक्री की मात्रा में गिरावट के लिए आम और विधानसभा चुनावों के बीच नियामक अनुमोदन में देरी तथा आवास परियोजनाओं की पेशकश में कमी को जिम्मेदार ठहराया। फिर भी रेसिंडेंट की कीमतों में बढ़त से इस साल कीमतों के संदर्भ में सेल्स में बढ़त हुई है।
एनारॉक ने अपने रेसिडेंशियल मार्केट के आंकड़े गुरूवार को जारी किए, जिसमें 2024 में 7 प्रमुख शहरों में सेल्स में मामूली 4 प्रतिशत की गिरावट के साथ 4,59,650 यूनिट रह जाने का अनुमान है जबकि 2023 में यह 4,76,530 यूनिट थी। हालांकि, रेसिडेंशियल यूनिट्स का टोटल सेल्स प्राइस 2024 में 16 प्रतिशत की सालाना बढ़त के साथ 5.68 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो इसके पिछले साल 4.88 लाख करोड़ रुपये था।
नई आवासीय संपत्तियों की आपूर्ति पर एनारॉक के आंकड़ों से पता चलता है कि 2023 में 4,45,770 इकाइयों की तुलना में 2024 में यह आंकड़ा 7 प्रतिशत की गिरावट के साथ 4,12,520 इकाई रहा। आंकड़ों पर एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा है कि भारतीय आवास क्षेत्र के लिए 2024 मिलाजुला रहा है। आम और विधानसभा चुनावों के नकारात्मक प्रभाव के अलावा, परियोजना अनुमोदन में भी कमी आई जिससे नए आवासों की आपूर्ति पर असर पड़ा है।
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उन्होंने कहा है कि हालांकि 2023 की तुलना में बिक्री में मामूली गिरावट देखी गई, लेकिन औसत मूल्य वृद्धि तथा इकाई आकार में वृद्धि से कुल बिक्री मूल्य में 16 प्रतिशत की वृद्धि से इसकी भरपाई हो गई। पुरी ने कहा कि वर्ष 2024 में टॉप 7 शहरों में औसत कीमत में 21 प्रतिशत की सालाना बढ़त देखी गई।
(एजेंसी इनपुट के साथ)