कार्रवाई की मांग को लेकर पीड़ित लड़कियों के साथ पुलिस कमिश्रनर से बात करते रोहित पवार (सोर्स: एक्स@RRPSpeaks)
Pune News: पुणे के कोथरूड पुलिस स्टेशन में कुछ युवतियों के साथ कथित तौर पर मारपीट का मामला सामने आया है। यहां एक पीड़ित की मदद करने पर कोथरूड पुलिस पर तीन सामाजिक कार्यकर्ताओं को अवैध रूप से हिरासत में लेकर उनके साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप है। युवतियों के साथ अश्लील भाषा का इस्तेमाल किया और उनकी पिटाई की। घटना शनिवार रात की है, लेकिन पुलिस अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है।
कोथरूड में लड़कियों के साथ मारपीट और जातिवादी दुर्व्यवहार के मामले में न्याय की मांग करते हुए, उन्होंने पुलिस आयुक्त कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इसमें विभिन्न सामाजिक संगठन भी उनके समर्थन में शामिल हुए।
इस मामले को लेकर एनसीपी (एसपी) विधायक रोहित पवार ने रविवार रात करीब 10 बजे पुणे पुलिस कमिश्नर ऑफिस पहुंचकर पीड़ित लड़कियों से मुलाकात की। रोहित पवार ने कहा कि ऐसी घटनाएं बाद में सामने आती हैं। इसमें दो लड़कियां शामिल हैं।
छत्रपती संभाजीनगर येथील एका व्हीआयपी केसच्या तपासासाठी आलेल्या तेथील पोलिसांसह कोथरुड पोलिसांनीही पुण्यातील मागासवर्गीय मुलींवर जातीवाचक शेरेबाजी करून त्यांना मारहाण केली. याबाबत संबंधित पोलिसांवर गुन्हा दाखल करण्याची दोन दिवस मागणी करुनही पोलिस त्याची दखल घेत नाहीत, याबाबत काही… pic.twitter.com/9Db3bgNB6r — Rohit Pawar (@RRPSpeaks) August 3, 2025
राेहित पवार ने कहा कि दो दिन पहले कुछ लड़कियों के साथ पुलिस प्रशासन ने बहुत ही निम्न स्तर की भाषा का उपयोग किया। उनका कोई दोष नहीं था फिर भी उनसे लगातार दो दिनों से पूछताछ की जा रही है।
इस पूरे मामले में शुरुआत मराठवाड़ा की एक लड़की से हुई। लड़की पर अन्याय हुआ। वह इससे डरकर कहीं छुपने के लिए पुणे आई थी ताकि कोई उस पर और अत्याचार न करे। पुणे की सामाजिक कार्यकर्ता श्वेता ताई और कई लड़कियों ने उसकी मदद की।
एनसीपी एसपी विधायक ने कहा कि तीन लड़कियां एक साथ पुणे में एक घर में रहती थीं। अक्सर पढ़ाई के लिए लड़के-लड़कियां पुणे में अलग-अलग किराए पर रहते हैं। तीन लड़कियों के घर पर उस पीड़ित लड़की को रात में आश्रय दिया गया ताकि वह सुरक्षित रह सके। अगले दिन वह वहां से चली गई।
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अचानक पुलिस के कुछ अधिकारी वहां पहुंचे। एक लड़की को उसके काम के स्थान से बिना वारंट गाड़ी में बैठाकर सबके सामने उठा लिया गया और फिर बाकी दो लड़कियों को भी बिना किसी वारंट के पूछताछ के लिए ले जाया गया। जहां पुरुष पुलिसकर्मियों ने अपमानजनक टिप्पणियां की और महिला कॉन्स्टेबल ने बेहद घटिया स्तर की बातें कीं।
रोहित पवार ने कहा कि कोथरूड पुलिस स्टेशन की पीएसआई प्रेमा पाटिल और उनकी एक महिला मित्र जो कि पुलिस अधिकारी नहीं हैं, उन्होंने भी लड़कियों से पूछताछ की। पुलिस प्रशासन ने लापरवाही बरती है, जो बहुत ही गंभीर बात है।